सैदपुर : नगर में वेद इंटरनेशनल स्कूल के एमडी के आवास पर पहुंचे पूर्व गृह राज्यमंत्री व कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवाओं से की राजनीति में आने की अपील


सैदपुर। भारत के पूर्व गृहराज्य मंत्री व पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय का गाजीपुर आगमन हुआ। जिले में आते ही सबसे पहले वो बासूपुर के वेद इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध निदेशक पंकज श्रीवास्तव के नगर स्थित आवास पर पहुंचे। उनके आवास के बाहर उनका काफिला पहुंचते ही उनका फूल मालाओं से लादकर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान कायस्थ समुदाय के करीब सभी दलों के लोग मौजूद रहे। पहुंचने के बाद एमडी पंकज श्रीवास्तव सहित उनके परिवार से पूर्व गृहराज्य मंत्री एक-एक कर मिले। इसके बाद उनकी बेटी को दुलारा, पुचकारा। इसके पश्चात वेद इंटरनेशनल स्कूल के बारे में जानकारी लेकर एमडी पंकज श्रीवास्तव की सराहना की और कहा कि एक ग्रामीण अंचल में भी महानगरीय मानक वाले स्कूल पर जरूर जाएंगे और वहां का जायजा लेंगे। इसके पश्चात शताब्दी न्यूज से वार्ता की। कहा कि कायस्थ समाज का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है। समाज को एकरूप करने में मुख्य भूमिका निभाई है। चाहे वो संघर्ष का क्षेत्र हो या देश की आजादी का क्षेत्र हो। यहां तक कि विद्वानों से लगायत ऋषि मुनियों तक के क्षेत्र में कायस्थ सबसे आगे रहे हैं। स्वामी विवेकानंद इसका उदाहरण हैं। कहा कि कायस्थों ने समाज व देश को एक बनाकर रखा है। कहा कि लेकिन आज के समय में गिनती के आधार पर लोगों का मेरिट बदला जा रहा है। कहा कि गिनती के आधार पर भी देखें तो लखनऊ का सचिवालय उठाकर देखें, बिना कायस्थों के उनका राज्य नहीं चल पा रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा जातिगत जनगणना कराने की लगातार की जा रही मांग पर बिना उनका नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि दुर्भाग्य इस बात का है कि आज जो गिनती गिन रहे हैं, वो कायस्थ समाज को राजनैतिक तौर पर हाशिए पर रखने का प्रयास कर रहे हैं। कहा कि कायस्थ को कभी पैरवी से नहीं बल्कि हुनर से नौकरी मिलती है, जो बाकियों में नहीं है। इसीलिए वो राजनैतिक तौर पर हमें अलग करना चाह रहे हैं। लेकिन ये समाज व देश के लिए दुर्भाग्य है। कहा कि हमारी आज की युवा पीढ़ी को पूरी तरह से राजनैतिक जीवन में होना चाहिए। जब तक युवा राजनैतिक तौर पर नहीं जुड़ेगा तो समस्या होती रहेगी। कहा कि आज के समय में गलत लोग राजनीति में हैं। कहा कि संगठन के माध्यम से पूरे देश के कायस्थ समाज को हमने जोड़ा है। इसमें पार्टी का कोई प्रतिबंध नहीं है। मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि आजकल वो पता नहीं कहां हैं, उन्हें ढूंढना पड़ रहा है। ऐसे में आप भले ही मायावती की पार्टी में क्यों न रहें, लेकिन राजनैतिक तौर पर अपना हिस्सा लें। कहा कि चुनाव से भागो मत, हारो या जीतो लेकिन चुनाव में हिस्सा लो। जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के सवाल पर कहा कि पहले हमें गुण के आधार पर हिस्सा मिल जाता था लेकिन आजकल गुण का कोई महत्व नहीं रहा, अब भेंड़ों वाली गिनती रह गई है। कायस्थ समाज के युवाओं से कहा कि ऐसे में आप कहीं से शुरूआत करें, भले ही नगर निगम से ही करिए लेकिन अपनी पहचान बनाईए। चुनाव लड़िए और समाज को आगे बढ़ाएं। इसके पश्चात वो परिजनों से पुनः मिले और इसके बाद रवाना हो गए। इस मौके पर पुनीत श्रीवास्तव, मुकेश श्रीवास्तव, शैलेश श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, मोहित मिश्र, कृष्ण श्रीवास्तव, नमन वर्मा, अमन पाठक आदि रहे।
