जखनियां : बुढ़ानपुर में शासन की महत्वाकांक्षी योजना पर उठ रहे सवाल, नए पोखरों का हो रहा निर्माण तो प्राचीन पोखरा बना पड़ा है नाला





जखनियां। एक तरफ सरकार अमृत सरोवर बनाकर पोखरों को पुनर्जीवन दे रही है तो दूसरी तरफ क्षेत्र के बुढ़ानपुर स्थित दुर्गेश्वर महादेव शिवालय के पास बने सैकड़ों वर्ष पुराने व कभी लोगों की आस्था के केंद्र रहे पोखरे की व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। आलम ये है कि अब लोग इसमें नाले का गंदा पानी बहाते हैं। जिससे पोखरे का पानी भी प्रदूषित होता जा रहा है और सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। उक्त पोखरे का पानी किसी समय में औषधियुक्त होता था, जिसमें मान्यता के अनुसार पूरी आस्था से स्नान मात्र करने व दुर्गेश्वर महादेव का दर्शन पूजन करने से ही लोगों के शारीरिक व मानसिक रोग ठीक हो जाते थे। लेकिन समय बदला और आस्थावानों की कमी हुई। जिसके बाद पोखरे का निर्माण करने वाले लोग भी अब नहीं रहे। जिसके चलते पोखरे के पास रहने वाले लोग उसमें अपने घरों के गंदे नाले का पानी पोखरे में बहाते हैं। जिसके कारण लोग अब पोखरे में स्नान करना तो दूर, आचमन तक नहीं करते। एक तरफ योगी सरकार जल संरक्षण के लिए लाखों रूपए खर्च करके पोखरों का निर्माण करा रही है तो कहीं अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, ताकि जल संरक्षण किया जा सके और लोगों को फिर से पोखरे व तालाब की संस्कृति से जोड़ा जा सके। लेकिन इस गांव में जिले व क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी की वजह से इस महत्वपूर्ण पोखरे की स्थिति खराब हो गई है। लोगों का कहना है कि काफी धन खर्च करके नए पोखरों की खुदाई कराई जा रही है लेकिन इस पुराने व अति महत्वपूर्ण पोखरे का संरक्षण भी नहीं किया जा रहा है, जिससे शासन व अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा कि ये सरकारी धन का अवव्यय ही है कि पहले से मौजूद पोखरे की मरम्मत की बजाय नए पोखरे का निर्माण कराया जा रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी से इस पोखरे में गंदा पानी का बहाव रूकवाने व इसके जीर्णोद्धार की मांग की है।



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