सैदपुर : ‘हैलो! काशी एक्सप्रेस को बम से उड़ा देंगे, रोक सको तो रोक लो,’ कुछ इस अंदाज में सूचना मिलते ही मचा हड़कंप, औड़िहार जंक्शन पर घंटों हुई चेकिंग





सैदपुर। गोरखपुर से मुंबई जा रही काशी एक्सप्रेस में बम की सूचना के बाद रेलवे सहित पुलिस व जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। ट्रेन के औड़िहार जंक्शन पर पहुंचने के पूर्व ही वहां पुलिस, आरपीएफ व जीआरपी पहुंच चुकी थी। जिसके बाद ट्रेन में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। इसके बाद बम चेकिंग दस्ता सहित डॉग स्कवॉड ने भी पहुंचकर घंटों तक चेकिंग की लेकिन कुछ भी नहीं मिला। एडीएम व एसपी सिटी सहित आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने भी पहुंचकर जायजा लिया। आखिरकार 2 घंटे 50 मिनट के बाद चेकिंग पूरी करके उसे रवाना कर दिया गया। मंगलवार की सुबह किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर इंटरनेट कॉल करके गोरखपुर से मुंबई जा रही काशी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना दी। इस सूचना के मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस बात की सूचना कंट्रोल रूम से औड़िहार जीआरपी चौकी प्रभारी राजकपूर सिंह समेत अन्य जिम्मेदारों को दिया गया। जिसके बाद जीआरपी ने तत्काल इस सूचना को विभागों में प्रसारित की। इसके बाद ट्रेन को दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन पर सूचना देकर उसे वहीं रोक दिया गया। इसके बाद वहां से ट्रेन को औड़िहार जंक्शन के लिए रवाना किया गया। इधर सूचना मिलते ही सैदपुर कोतवाल योगेंद्र सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ औड़िहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और जैसे मंगलवार की सुबह 11 बजकर 32 मिनट पर ट्रेन पहुंची, उसमें से यात्रियों को एक-एक कर निकालकर चेकिंग शुरू कर दी गई। चेकिंग के दौरान पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ ने यात्रियों को शुरू में बम की सूचना नहीं दी थी। इधर कुछ ही देर में सैदपुर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड व सीओ अनिल कुमार सहित तहसीलदार देवेंद्र यादव, नायब तहसीलदार विजयकांत पांडेय, खानपुर एसओ प्रवीण यादव भी पहुंच गए। इसके कुछ देर बाद जिला मुख्यालय से अपर जिलाधिकारी दिनेश कुमार व एसपी सिटी ज्ञानेंद्रनाथ प्रसाद भी पहुंच गए और मॉनीटरिंग करने लगे। कुछ ही देर में आरपीएफ के वाराणसी परिक्षेत्र के असिस्टेंट कमांडेंट एनएम यादव व मऊ जीआरपी प्रभारी प्रमोद शुक्ला भी पहुंचे। इस बीच प्रशासन हर एक डिब्बे में घुसकर यात्रियों को एक-एक कर उनके सामानों के साथ बाहर निकाल रहे थे। इधर किसी एक महाकुंभ श्रद्धालु महिला का बैग लावारिस हाल में मिला। पुलिस ने जब पूछा कि बैग किसका है तो संभवतः वो बिना टिकट के होने के डर से सामने नहीं आई। जिसके बाद बैग को संदिग्ध मानकर उसे अगल रख दिया गया। इसके कुछ ही देर बाद गाजीपुर से आए बम चेक करने वाले दस्ते ने मशीन से उक्त बैग को बेहद सावधानी से चेक करना शुरू कर दिया। एक-एक बैग से सामान निकाल रहे थे। इस बीच धातु से बनी एक मूर्ति डिटेक्ट हुई तो वो अलर्ट हो गए। खोलने पर अंदर से मूर्ति, गंगा जल, कपड़े, चादर, किताबें, प्रसाद, फूल आदि मिला। उसी दौरान एक महिला ने अपना पर्स प्लेटफॉर्म के कुर्सी पर छोड़ दिया। सुरक्षाकर्मियों के पूछने पर भी वो महिला कुछ देर तक नहीं आई तो उसे भी संदेह के घेरे में रखा गया। हालांकि कुछ ही देर में महिला आकर पर्स ले गई। इसके बाद टीम डिब्बों में घुसकर बारीकी से जांच करने लगी। हर यात्री के सामानों की मशीन से जांच कर रहे थे। घंटों तक जांच के दौरान वहां यात्री बेहाल हो गए थे। वाराणसी जाने के लिए सवार कई यात्री को कृषक एक्सप्रेस पकड़कर चले गए। इधर बम स्कवॉड को बुलाने की भी बात होने लगी। लेकिन फिर आरपीएफ के स्निफर डॉग को बुलाया गया और उसने अंतिम बोगी से लेकर इंजन तक जाकर बम की जांच की। लेकिन किसी तरह के बम होने का पता नहीं चला। इधर जैसे-जैसे समय बीत रहा था, यात्रियों का धैर्य जवाब देर हा था। कुछ ही देर बाद यात्रियों को भी पता चल गया कि ट्रेन में बम होने की सूचना मिली है। जिसके बाद उनमें हड़कंप मचने लगा लेकिन प्रशासन ने समझदारी दिखाते हुए उन्हें समझा लिया। आखिरकार घंटों की चेकिंग के बाद दोपहर 2 बजकर 22 मिनट पर ट्रेन को आगे रवाना किया जा सका। जिसके बाद यात्रियों सहित प्रशासन ने चैन की सांस ली। इधर बम की सूचना के बाद होने वाली देरी की संभावना व यात्रियों को शांत रखने के उद्देश्य से पहले ही ट्रेन को स्टेशन के आखिरी प्लेटफॉर्म 6 पर रोका गया था, ताकि उसके चलते किसी और ट्रेन को प्रभावित होने से रोका जा सके। इस चेकिंग के दौरान किसी भी ट्रेन को प्रभावित नहीं होने दिया गया। जांच के लिए कुल 6 टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने ट्रेन के सभी 22 बोगियों में घुसकर यात्रियों के आधार कार्ड की जांच की। स्टेशन अधीक्षक दिलीप सिन्हा ने बताया कि काशी एक्सप्रेस के अलावा और कोई भी ट्रेन प्रभावित नहीं हुई। इधर दोपहर 2 बजकर 22 मिनट पर ट्रेन को रवाना होने तक एडीएम, एसपी सिटी, असिस्टेंट कमांडेंट, सीओ, मऊ जीआरपी प्रभारी, कोतवाल आदि लोग जंक्शन पर ही रूके रहे। रवाना होने के बाद एडीएम दिनेश कुमार ने बताया कि काशी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना मिली थी। घंटों तक सघन चेकिंग के बावजूद कुछ नहीं मिला, जिससे ये स्पष्ट हो गया कि किसी ने अफवाह फैलाया था। प्रशासन की तत्परता से ट्रेन की जांच कर रवाना कर दिया गया है। कहा कि फोन किसने किया था, इसकी तफ्तीश की जा रही है। इस मौके पर यातायात निरीक्षक राजीव रंजन पटेल के साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम सहित एलआईयू की टीमें भी जंक्शन पर आ गई थीं। सूचना के अफवाह होने का पता चलने पर सभी ने चैन की सांस ली।



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