ठंड में विशेष सतर्कता रखें गर्भवती, बीमार पड़ने पर बिना चिकित्सकीय सलाह दवा लेने पर गर्भस्थ शिशु पर भी हो सकता है खराब असर





गोरखपुर। बढ़ती ठंड के बीच स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती को विशेष सतर्कता रखने की सलाह दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने अपील किया है कि अगर किसी गर्भवती को सर्दी, जुकाम, फ्लू समेत स्वास्थ्य संबंधी कोई भी दिक्कत हो तो वह चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें। अपने मन से दवा का सेवन करना उनकी और उनके गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ठंड में बरती गई सावधानियां न केवल उन्हें बल्कि उनके गर्भस्थ शिशु को भी सुरक्षा प्रदान करेंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग ने 21 नवम्बर तक करीब 1.10 लाख गर्भवती का पंजीकरण किया है, जिन्हें प्रसव पूर्व चिकित्सकीय जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। इनके अलावा बड़ी संख्या में गर्भवती निजी अस्पतालों में भी जांच और इलाज करवाती हैं। निरंतर कम होते तापमान, मौसम में अप्रत्याशित बदलाव और बढ़ रही ठंड के बीच इन गर्भवती का ध्यान रखना विभाग के साथ साथ उनके परिजनों और खुद गर्भवती की भी जिम्मेदारी है। बदले हुए मौसम में अगर कोई गर्भवती बीमार पड़ती हैं तो वह 102 नंबर एम्बुलेंस के जरिये किसी भी सरकारी अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकीय परामर्श का लाभ ले सकती है। एम्बुलेंस के जरिये उन्हें वापस घर छोड़ने का भी प्रावधान है। डॉ दूबे ने बताया कि गर्भवती को एस्पिरिन या डिस्प्रिन, वोल्टेरेन या नूरोफेन अथवा स्यूडोएफेड्रिन युक्त कोई भी सर्दी और फ्लू की दवा नहीं लेनी चाहिए। कई बार झोलाछाप के यहां से या मेडिकल स्टोर से यह दवाएं खरीदकर गर्भवती को दे दी जाती हैं, जो उनके लिए जटिलताएं बढ़ा देती हैं। जिले में 50 से अधिक ऐसी स्वास्थ्य इकाईयां है जहां गर्भवती को बुखार होने पर दिखा कर परामर्श और दवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। गर्भवती को इन केंद्रों तक ले जाने और घर वापस छोड़ने के लिए करीब 50 102 नंबर एम्बुलेंस भी जिले में मौजूद हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर कालेपुर की चिकित्सा अधिकारी डॉ राजश्री प्रवीण ने कहा कि ठंड में प्रयास होना चाहिए कि गर्भवती को बुखार या स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो ही न। इसके लिए छोटी-छोटी सावधानियां रखनी होंगी। गर्भवती को हाथों की स्वच्छता, संतुलित आहार, बीमार लोगों के निकट सम्पर्क से दूरी रखना, घर से बाहर अनावश्यक न निकलना, कान बांध कर रखना और सर्दी से बचाव के कपड़े पहनना, भरपूर नींद, नियमित व्यायाम और तनाव को दूर रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके बावजूद अगर कोई दिक्कत होती है तो गर्भावस्था में बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।



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