सालों से सड़क की मांग कर रहे जखनियांवासी इस बार करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, सड़क के बदले वोट का दिया नारा





जखनियां। सड़क नहीं तो वोट नहीं। ये किसी फिल्म का कोई डायलॉग नहीं बल्कि जखनियांवासियों की पीड़ा है, जिसे उन्होंने इस बार के लोकसभा चुनाव में अपना चुनावी घोषणापत्र बना लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों की ओर से विकास के दावे और वादे किए जा रहे हैं। लेकिन यहां की जनता स्थानीय विधानसभा व लोकसभा के प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार किए जा रहे झूठे वादों से आजिज आकर अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का मन बना चुकी है। जखनियां विधानसभा के मनिहारी मोड़ से फद्दूपुर मार्ग जर्जर अवस्था में है और अपनी बदहाली पर आंसू बहाते हुए कई सालों से अपने अच्छे दिन आने का इंतजार कर रहा है। यह सड़क जनपद को मुख्य मार्ग से आजमगढ़ को भी जोड़ता है। इसी मार्ग पर तहसील मुख्यालय, कोतवाली, ब्लाक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रेलवे स्टेशन सहित कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थान हैं। जनपद के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का आना-जाना होता रहता है। सड़क खराब होने का खामियाजा क्षेत्रीय जनता व व्यापारियों को उठाना पड़ता है। सड़क खराब होने से जिला मुख्यालय तक जाना और उसी शाम तक आना भी एक चुनौती है। थोड़ी भी बारिश हो जाती है तो बाजार की सड़कें जलमग्न और कीचड़ से भर जाती हैं। जनता इन सड़कों के गड्ढों में कई बार धान की रोपाई कर अपना विरोध प्रदर्शन करके सरकार व प्रशासन को आईना दिखा चुकी है। यहां तक कि जखनियां में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी आए थे ओर उन्होंने भी इन बदहाल सड़कों को देखकर तुरंत सड़क बनाने के लिये बजट की घोषणा भी कर दी थी। इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ और वो भी एक वादा बनकर रह गया। जिसके बाद अब स्थानीय लोगों ने घोषणा कर दी है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। अगर सड़क नहीं बनती है तो जखनियां के लोग इस बार के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।



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