बड़े बेटे की हरकतों से आजिज आकर परिवार ने उठाया था दिल दहलाने वाला कदम, जिसे समझा मौत की गारंटी, उसी वजह से बची सभी की जान





सैदपुर। नगर के गंगा पुल से अपनी पत्नी व बेटी का हाथ अपने हाथ से बांधकर एक साथ नदी में छलांग लगाने वाले अधेड़ द्वारा घटना किये जाने का वास्तविक कारण सामने आया है। अधेड़ व उसके परिवार ने इतना खौफनाक कदम इसलिए उठाया क्योंकि वो अपने बड़े बेटे की हरकतों से आजिज आ गए थे। मंझिलेपुर निवासी शिवप्रसाद प्रजापति की एक बेटी निकिता सहित दो बेटे निखिल व उत्कर्ष हैं। शिवप्रसाद घर में ही किराने की दुकान करता है और उसकी पत्नी रानी उसी में कास्मेटिक की दुकान करती है। इकलौती बेटी इंटर की छात्रा है तो छोटा बेटा भी पढ़ाई कर रहा है। बड़ा बेटा गलत संगत में पड़कर नशे का आदि हो गया और रोज शराब व सिगरेट पीकर घर आने लगा। इसके साथ ही एक बस्ती की दलित युवती से उसका सम्बंध हो गया। इस बात को लेकर बस्ती के लोगों ने कई बार उसे समझाया लेकिन वो नहीं माना तो परिजनों को बताया। मां, पिता व बहन के समझाने पर भी उस पर कोई असर नहीं हुआ। जिसके चलते घर में आये दिन कलह होती रहती थी। इस बीच आखिरकार जब बड़े बेटे पर कोई असर नहीं हुआ तो बेटी ने घर में आत्महत्या जैसा कदम उठाने की सलाह दी। जिस पर मां व बाप भी तैयार हो गए। इसके बाद सैदपुर में मार्केटिंग करने के बहाने वो निकले और पुल पर आकर एक-दूसरे के हाथ में अपना हाथ रस्सी से बांध लिया, ताकि किसी के भी बचने की संभावना एकदम न रह जाए। इसके बाद कूद गए। लेकिन उन्हें क्या पता था कि किसी के जिंदा न बचने की सोच के साथ उनका एक साथ हाथ बांधना ही उन सभी की जान बचाने की सबसे बड़ी वजह बन जायेगा। उनके हाथ एक साथ बंधे होने की वजह से वो न तो अलग हो सके और न ही पानी में पेट के बल गिरे। पेट के बल भी गिरे होते तो ऊंचाई से गिरने से पेट फटने से उनकी मौत हो सकती थी। लेकिन हाथ बंधे होने से सभी दाएं या बाएं होकर गिरे। बहरहाल, उनके बचने के बाद सब उन तीनों के इस निर्णय को कोसने के साथ ही बड़े बेटे को भी कोस रहे हैं।



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