बलिदान दिवस पर याद किए गए जनसंघ संस्थापक श्यामा प्रसाद, योगदानों को किया गया याद





गाजीपुर। जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 70वें बलिदान दिवस पर जिला सहकारी बैंक में गोष्ठी का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गई। जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की राष्ट्र के प्रति विकसित सोच और इच्छाशक्ति ऐसी रही कि उनकी विचारधारा के विपरीत चल रही सरकार में भी उन्होंने चितरंजन में रेल इंजन कारखाना, विशाखापट्टनम में जहाज बनाने का कारखाना एवं बिहार में खाद के कारखाने को स्थापित कराया। कहा कि उनके सहयोग से ही हैदराबाद निजाम को भारत में विलय करना पड़ा। कहा कि मात्र तीन वर्ष बाद ही 1950 में नेहरू सरकार के तुष्टिकरण की नीतियों से खिन्न होकर डॉ. मुखर्जी ने उनके मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर संसद में विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वाह किया। कहा कि एक ही देश में दो झंडे और दो निशान उनको स्वीकार नहीं थे। अतः कश्मीर का भारत में विलय के लिए डॉ. मुखर्जी ने प्रयत्न प्रारंभ कर दिए। इसके लिए उन्होंने जम्मू में आंदोलन छेड़ दिया। आज उनके आंदोलन का परिणाम पूरी दुनिया देख रही है। इस मौके पर लोकसभा संयोजक कृष्ण बिहारी राय, ओमप्रकाश राय, दयाशंकर पांडेय, पारस नाथ राय, सुनील सिंह, अच्छेलाल गुप्ता, शशिकान्त शर्मा, सुरेश बिंद, अभय सिंह, शशिप्रकाश सिंह, गोपाल राय, मन्नू राजभर, रामलाल सिंह, राजेश चौहान, शशिभूषण सिंह आदि रहे। अध्यक्षता सरोजेश सिंह व संचालन प्रवीण सिंह ने किया।



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