आम जनता व भाजपा कार्यकर्ताओं ने महावीर चक्र विजेता का 51वां शहादत दिवस मनाया, प्रशासन ने भुलाया
जखनियां। स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में स्थापित महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पाण्डेय की प्रतिमा पर उनका 51वां शहादत धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान प्रतिमा पर स्थानीय लोगों व भाजपाजनों द्वारा माल्यार्पण किया गया। दुर्भाग्य ये रहा कि प्रशासनिक अमले ने महावीर चक्र विजेता के शहादत को भुला दिया और कार्यक्रम से दूरी बनाई। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रमोद वर्मा ने कहा कि शहीद रामउग्रह पांडेय ने भारत-पाक 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए कई बंकरों को ध्वस्त किए। उन्होंने पाकिस्तानी सेना को रौंदते हुए देश के मान, सम्मान, स्वाभिमान ऊंचा करने के लिए खुद कंधे पर राकेट लांचर को लगातार दागते हुए दुश्मन देश के कई बंकरों को ध्वस्त किया और शहीद हो गए। कहा कि शहीद राम उग्रह पांडेय को मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया। 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में शहीद की पत्नी श्यामा देवी को यह सम्मान प्रदान किया था। जिलाध्यक्ष ने कहा कि वीर जवान दिन-रात सीमा पर अपनी नींद का सौदा करते हैं, तब जाकर देश के अंदर हम अपने घरों में चैन से सो पाते है। हम सभी को अपनी सेना का सम्मान करना चाहिए। इस दौरान हैरानी की बात ये रही कि महावीर चक्र विजेता के शहादत दिवस पर रेलवे स्टेशन परिसर में ही स्थापित प्रतिमा पर महज कुछ कदम चलकर ही माल्यार्पण करने के लिए रेलवे का कोई कर्मचारी तक नहीं पहुंचा। इसके अलावा अन्य किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं पहुंचा। जिस पर लोगों में चर्चा रही कि आखिरकार प्रशासन ने शहीद के शहादत दिवस को भुला ही दिया। इस मौके पर सैनिक सेवा संस्थान के अध्यक्ष संतोष मौर्या, भूतपूर्व सैनिक योगेंद्र यादव, धुरंधर प्रजापति, राजेन्द्र यादव, सूबेदार यादव, दयाशंकर सिंह, इंद्रदेव कुशवाहा, अशोक गुप्ता, प्रशांत सिंह, धर्मवीर भारद्वाज, धर्मेंद्र कुशवाहा, वीरेंद्र पाण्डेय, धर्मेंद्र चौरसिया, वेद पाण्डेय, अजय सिंह, सुनील यादव, टोनी चौरसिया, संतोष सिंह मुन्ना, मनोज गुप्ता, सूबेदार राजेन्द्र, कल्पनाथ यादव, अरुण सिंह आदि रहे।