शुक्र का उदय होते ही शुरू हो गए मांगलिक कार्य, 15 दिसंबर तक होंगे शुभ आयोजन, बाजार हुए गुलजार





खानपुर। रविवार को शुक्र उदया होने के बाद से सभी वैवाहिक व शुभ कार्य शुरु हो गए। सनातन संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त महत्वपूर्ण माना जाता है। शुभ योग में ही विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक व शुभ कार्य बिना किसी विघ्न बाधा के संपन्न होते हैं। शादी-विवाह के लिए सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त का ख्याल रखा जाता है। सुख, सौभाग्य, प्रेम, आकर्षण सहित भौतिक सुख संसाधनों के कारक ग्रह शुक्र के अस्त हो जाने पर समस्त मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का अभाव हो जाता है। शुक्र के उदित होने के बाद ही शुभ मुहूर्त मांगलिक कार्यों के लिए प्राप्त होते हैं। हर साल देवोत्थान एकादशी के दिन से शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस साल शुक्र अस्त होने के कारण ऐसा नहीं हो सका है। इसके बाद रविवार को पश्चिम दिशा में शुक्र के उदित होने के पश्चात शुभ मुहूर्त मिलने आरंभ हो गए और 24 नवंबर को विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होगा। ये मुहूर्त पौष कृष्ण पक्ष अष्टमी पर 16 दिसंबर को खरमास के आरंभ होने के साथ ही समाप्त भी हो जाएगा। इस वर्ष में भले ही सिर्फ दर्जन भर शुभ मुहूर्त मिल रहे हों, पर सहालग शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। ज्वेलरी, कपड़ा, श्रृंगार, ब्यूटीपार्लर सहित सभी वैवाहिक सामानों के विक्रय दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। दुपहिया व चार पहिया वाहनों की बुकिंग से लेकर टेबल, कुर्सी, सोफा, आलमारी, फ्रिज, टीवी आदि के खूब ऑर्डर दिए जा रहे हैं। कोरोना काल में प्रतिबंधित एवं सीमित संख्या में शामिल मेहमानों के बाद इस साल लोग खुलकर शादियों में धूम मचा रहे हैं। मैरेज लॉन की बुकिंग से लेकर सजावटी गाड़ियां, बैंड बाजा, आतिशबाजी सहित कैटरिंग वालों की खूब मांग हो रही है। वैवाहिक परिवारों में मेहमानों के आने जाने के लिए रेल टिकटों की बुकिंग जारी है। लग्न मुहूर्त खुलने से मांगलिक परिवारों सहित बाजारों में रौनक और चहल पहल बढ़ गई है।



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