डेंगू हो जाए तो बिना घबराए इन पांच मंत्रों से करें डेंगू पर वार, जानलेवा नहीं बनेगा डेंगू
गोरखपुर। जिले में बीते वर्षों की तुलना में डेंगू के ज्यादा मामले आने से घबराएं नहीं। यह विभाग की सर्विलांस टीम की आक्रामक गतिविधि का परिणाम है। जिले के जागरूक लोग आजकल बुखार होने पर अस्पताल जा रहे हैं, जांच करवा रहे हैं और मामले सामने आ रहे हैं। यह एक बेस्ट प्रैक्टिस है। डेंगू की समय से पहचान और इलाज होने से यह जानलेवा भी साबित नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बिना घबराए सभी को मिलजुल कर डेंगू पर वार करना है। उक्त अपील मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जनपदवासियों से की है। सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग स्वयं विशेष प्रयास से अधिकाधिक डेंगू मरीज ढूंढ रहा है। इससे बीमारी के प्रसार में रुकावट आएगी और मरीज का समय से इलाज भी शुरू हो जा रहा है। डेंगू मरीज की पहचान न होने और समय से इलाज न होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों को भी चाहिए कि अगर डेंगू का लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर निःशुल्क जांच कराएं और इलाज शुरू करवा दें। पूरे बाजू के कपड़े पहनने, मच्छर अगरबत्ती व मच्छरदानी का प्रयोग करने, कहीं भी साफ पानी का ठहराव न होने देने, साफ पानी के ठहराव वाले घरेलू व सामुदायिक स्थानों की नियमित सफाई करने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाने जैसे पांच मत्रों को अगर लोग अपना लें तो डेंगू का प्रसार रुक जाएगा। डॉ दूबे ने बताया कि जिले में सरकारी अस्पतालों पर करीब 3000 से अधिक लोगों की डेंगू की जांच एनएसवन रैपिड टेस्ट के जरिये कराया गया है। लक्षणों के आधार पर 1500 से अधिक लोगों का एलाइजा कंफर्मेट्री टेस्ट भी कराया गया। सभी सरकारी अस्पतालों पर जांच किट उपलब्ध है। डेंगू के लक्षण दिखने के बाद तुरंत अस्पताल जाकर जांच करानी चाहिए और अस्पतालों को दिशा-निर्देश है कि रैपिड टेस्ट होने के बाद एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल भेज दें और साथ ही साथ तुरंत उपचार शुरू कर दें। डेंगू का उपचार भी साधारण है। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाना है और आवश्यकतानुसार फ्लूएड दी जाएगी। मरीज को घर पर आराम करना है और सदैव मच्छरदानी का प्रयोग करना है।