सैदपुरवासियों के सामने ताजा हुई 2013 व 2017 के बाढ़ की विनाशलीला, पूर्व विधायक सुभाष पासी के आवास व वर्ल्डग्रीन अस्पताल तक पहुंचा पानी





सैदपुर। गंगा में आई विनाशकारी बाढ़ ने एक बार फिर से सैदपुर के लोगों के जेहन में 2013, 2017 व 2019 के भयानक बाढ़ की तस्वीरें ताजा कर दी हैं। जिसके चलते तटवर्ती लोग पलायन करने लगे हैं। सैदपुर नगर के बूढ़ेनाथ महादेव घाट से लेकर जौहरगंज तक गंगा ने विनाशलीला शुरू कर दी है। दादा साहब के बगल में खेत में जहां खेती होती थी, वहां आलम ये है कि वहां नाव चल रही है। बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का किया है, जो तटीय क्षेत्रों में खेती करते थे। इसके अलावा बाढ़ के पानी ने पूर्व विधायक सुभाष पासी के आवास से लगायत वर्ल्डग्रीन अस्पताल तक को अपनी जद में ले लिया है। इसके अलावा नगर के कई मकान ऐसे हैं जो बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं और कभी भी धराशायी हो सकते हैं। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि जब तक पानी में लहर नहीं पैदा होती, तब तक ही मकान सुरक्षित हैं। बताया कि बाढ़ का हमेशा सामना करने के चलते मकान को काफी मजबूत बनवाया गया, इसके बावजूद मकान में काफी दरारें आ चुकी हैं। जौहरगंज में मड़ई डालकर रहने वाली महिला ने बताया कि हम सभी डरे हुए हैं। कहा कि तेजी से बढ़ रहा पानी हमें फिर भागने पर मजबूर कर देगा। कहा कि पिछले साल भी यही स्थिति हुई थी। उस वक़्त भी हमें दाने-दाने को मोहताज होना पड़ा था लेकिन कोई मदद न मिली थी। वहीं खेती करने वाले युवक ने बताया कि हम नदी किनारे सब्जियों की खेती करके परिवार चलाते हैं लेकिन बाढ़ में ये खेती भी डूब गई है। बताया कि कुछ दिन पूर्व बाढ़ आई और फिर पानी घट गया तो हमें लगा कि अब पानी नहीं बढ़ेगा। जिसके बाद हमने बोड़ा आदि के बीज डाल दिए। अब बाढ़ ने सब लील लिया। वहीं श्मशान घाट भी पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं। लोग किसी तरह से जुगाड़ के सहारे के अंतिम संस्कार कर रहे हैं। बाराह रूप घाट पर बना हुई मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब गया है। किनारे लगी खेती भी बाढ़ का शिकार हो गई है।



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