यूपी बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन हुए तीन माह बीते, अब तक शिक्षकों को नहीं मिल सका पारिश्रमिक





गाजीपुर। माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुए तीन महीने से ऊपर हो गया है लेकिन परीक्षकों के पारिश्रमिक बिल का भुगतान अभी तक नहीं हो सका। परीक्षकों का कहना है कि जब बोर्ड को कापियों का मूल्यांकन करवाना होता है तो नये-नये नियमों के साथ कागजपूर्ति की जाती है, लेकिन मूल्यांकन के बाद सब शिथिल हो जाता है। इस वर्ष मूल्यांकन में परीक्षकों द्वारा निरीक्षण की गयी कापियों का अनुक्रमांक सहित डेटा प्रतिदिन बोर्ड को प्रेषित किया जाता रहा और बताया गया कि इसी के अनुरुप सभी का पारिश्रमिक उनके बैंक खातों में आ जायेगा। लेकिन मूल्याकंन होते-होते बीच में ही बोर्ड की वेबसाइट बन्द हो गयी। पता चला है कि माशिप द्वारा मूल्यांकन के पारिश्रमिक हेतु फंड नहीं आने से तीन महीने बाद भी मूल्यांकन केन्द्रों पर परीक्षकों का पारिश्रमिक बिल ज्यों का त्यों रखा हुआ है। सदस्यता अभियान में जुटे शिक्षक संगठन के नेता भी आवाज नहीं उठा रहे हैं। बोर्ड द्वारा नियुक्त परीक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं माशिप के अधिकारियों से मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं के पारिश्रमिक बिल का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र कराने की मांग की है।



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