84 लाख योनियों में भटकने के बाद मिलता है मानव तन, परमात्मा का भजन कर आवागमन से हों सकते हैं मुक्त - अमरेश्वरानंद





देवकली। क्षेत्र के देवकली में ग्राम प्रधान सपना तिवारी के आवास पर चल रहे संगीतमय आध्यात्मिक प्रवचन के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए आशुतोष महाराज के कृपा पात्र शिष्य स्वामी अमरेश्वरानंद महाराज ने कहा कि 84 लाख योनियों में भटकने के पश्चात हमें ये मानव तन मिला है। जिसमें जीव परमात्मा का भजन कर आत्म साक्षात्कार करके संसार में आवागमन के बंधन से मुक्त हो सकता है। कहा कि जीव जब 9 माह तक मां के गर्भ में रहता है तो नाना प्रकार के कष्ट सहन करता है। उस समय प्रभु से विनती करता है कि हे प्रभु इस नर्क से बाहर करो। मैं आपका भजन करुंगा, परन्तु बाहर आने के बाद जीव अपने किये वायदे को भूल जाता है। यही मनुष्य मात्र के दुःख का प्रमुख कारण है। स्वामी रामचरनानंद महाराज ने कहा कि इस धराधाम पर संत किसी न किसी रुप में सदैव विद्यमान रहकर जीवों को परमात्मा से मिलाने का कार्य करते हैं। जब करोड़ों जन्मों का पुण्य उदय होता है तो परमात्मा का दर्शन होता है। मानव तन पाने के बाद भी जो आत्म साक्षात्कार नहीं कर सका तो इसमें परमात्मा का क्या दोष है। इस मौके पर अनिल तिवारी, सोनू तिवारी, प्रभुनाथ पाण्डेय, नरेन्द्र कुमार मौर्य, सुरेन्द्र पाण्डेय, रामयश पाण्डेय, दयाराम गुप्ता आदि रहे। संचालन अरविन्दलाल श्रीवास्तव ने किया।



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