कभी देश व पीएम ने दिया था ’कोरोना योद्धा’ का सम्मान, अब ऐसा जानलेवा काम करके डुबो रहे हैं सभी के नाम





सैदपुर। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा तीसरी लहर के बढ़ते संक्रमण दर को देखते हुए हर हाल में दूसरे डोज का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य दे दिया गया है। जिसे पूरा करने में कुछ स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ऐसा भयानक खेल किया जा रहा है, जिसके बाद स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है और लोगों को जान देकर इस खेल की कीमत चुकानी पड़ सकती है। आलम ये है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाए बिना मोबाइल पर दूसरा डोज लगाने का न सिर्फ मैसेज आ जा रहा है, बल्कि प्रमाणपत्र भी जारी हो जा रहा है। बीते कुछ दिनों से सरकार के विभाग पर बढ़े दबाव के बाद अधिकांश लोगों के मोबाइल पर ऐसे मैसेज आ रहे हैं, जिन्होंने दूसरा डोज नहीं लगवाया है लेकिन लगने का मैसेज आ रहा है। नगर निवासी बृजेश मोदनवाल, राजेश कुमार, आकाश कुमार आदि के मोबाइल पर ऐसे मैसेज आए। जबकि उन्होंने दूसरा डोज नहीं लगवाया था। उनका कहना था कि एक तरफ सरकार कह रही है कि कोरोना के टीके के दोनों डोज लगवाने वाले, एक डोज लगवाने वालों की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित हैं। ऐसे में दोनों डोज लगवाएं। लेकिन कुछ स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर मेहनत से बचने के लिए घर बैठे ही मोबाइल से फर्जी टीका लगा दे रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि जो पढ़े लिखे हैं, वो तो जाकर विरोध दर्ज करा लेंगे, लेकिन जो पढ़ नहीं सकते उनका क्या होगा। कहा कि कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री समेत पूरा देश इन्हें कोरोना वॉरियर यानी कोरोना योद्धा कहकर सम्मानित कर रहा था, जगह-जगह उनके सम्मान में कार्यक्रम हो रहे थे, लेकिन आज ये लोग ही लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। संभव है कि अगर उनके कारण कोई टीका न लगवा सके और उसकी जान भी चली जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। इस बाबत सीएचसी के अधीक्षक डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से ऐसा हो रहा है। वो मोबाइल नंबर के डिजिट को गलती से इधर का उधर कर दे रहे हैं। हालांकि ऐसा कोई मामला आ रहा है तो उसे वैक्सीन जरूर लगाई जा रही है।



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