रोडवेज अधिकारियों एवं ढाबा संचालक की धमकी से घबराई महिला परिचालक, एमडी से लगाई गुहार





गोंडा। प्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार द्वारा जहां एक तरफ महिलाओं व बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत तमाम योजनाएं चलाकर नारी सुरक्षा व नारी सम्मान के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके अधीनस्थ परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अपने ही विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मी का सम्मान बचाने में साथ नहीं दिया जा रहा है। महिला द्वारा बेइज्जती व मानसिक उत्पीड़न करने की भी बात कही जा रही है। यहां तक कि आरएम भी इस मामले में मीडियाकर्मियों का फोन उठाने से बच रहे हैं। इस मामले में गोंडा डिपो में कार्यरत महिला संविदा परिचालक नेहा मिश्रा ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को प्रार्थना पत्र भेजकर अधिकारियों व एक ढाबा संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। नेहा का आरोप है कि 5 नवंबर को रोडवेज बस लखनऊ से जा रही थी। इस बीच बाराबंकी रामनगर के बीच में स्थित शुक्ला यात्री प्लाजा पर बस रुकी। जहां खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता को लेकर यात्री हंगामा करने लगे। वहीं घटिया सामग्री को लेकर यात्रियों ने नेहा पर आरोप लगाते हुए खराब ढाबे पर गाड़ी रोकने का आरोप लगाया। जिस पर नेहा ने कहा कि ये ऊपर का आदेश है और वो वहां से गाड़ी लेकर जाने लगी तो ढाबा संचालक द्वारा टोकन नहीं दिया जा रहा था। कहा कि टोकन मांगने पर बेहद अश्लील शब्द का प्रयोग करते हुए धमकी दी गई और मेरी शिकायत अधिकारियों से कर दी। कुछ देर बाद जब मैं गाड़ी लेकर आगे बढ़ी तो वहां आगे आकर टीआई ने मुझे डांटना शुरू कर दिया तथा आरएम के कहने पर वेबिल ली तथा आरएम ने भी वहाँ सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। महिला ने इस मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है। वहीं घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी मामले में अब तक कोई कार्यवाही न होने से सरकार के दावों की हवा निकलती नजर आ रही है।



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