अब खुलेगी मेवालाल के दर्दनाक मौत की गुत्थी, प्रशासन ने खुदवाई कब्र





सादात। स्थानीय रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग पर स्थित शिव मंदिर के निकट बीते 29 नवंबर को गुमटी में अज्ञात कारणों से लगी आग की चपेट में आकर झुलसकर मरे सरैयां गांव निवासी मोची मेवालाल का शव छठवें दिन रविवार को कब्र खोदकर बाहर निकाला गया। जखनियां के एसडीएम वीर बहादुर यादव, तहसीलदार जयप्रकाश सिंह, कानूनगो हरिशंकर सिंह, चिकित्साधिकारी डॉ. आर प्रसाद सहित पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में कब्र से निकालकर शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया। पूरी कार्रवाई को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे। शांति व्यवस्था हेतु सादात व बहरियाबाद की पुलिस फोर्स मौजूद रही। बता दें कि बीते 29 नवम्बर की रात वृद्ध दिव्यांग मोची मेवालाल राम की गुमटी मे अज्ञात कारणों से आग लग गयी, जिसके चलते उसमें सोया मेवालाल जिंदा जल गया। उसी रात मृतक के पुत्र रामसेवक ने पुलिस को सूचना दिये बगैर ही लाश को अपने घर ले जाकर पास स्थित खेत में दफना दिया था। इसके बाद शाम को उसने थाने पहुंचकर अपने पिता की हत्या के लिए अपने पड़ोसी लक्ष्मन व उसकी पुत्री मनीषा समेत लक्ष्मण के दोनों पुत्रों को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने घटना की जांच शुरु कर दी। सीओ सैदपुर बलराम व फॉरेंसिक टीम ने निरीक्षण किया था। पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम के निर्देश पर जखनियां एसडीएम, नायब तहसीलदार, कानूनगो, क्षेत्रीय लेखपाल, चिकित्सक आदि की मौजूदगी में शव को जमीन के अंदर से बाहर निकाला गया। इस दौरान थानाध्यक्ष शशिचन्द्र चौधरी, बहरियाबाद थानाध्यक्ष अगम दास व अन्य विभागों के कर्मचारी तथा ग्रामीण मौजूद रहे। एसओ ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।



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