देश में जहां भी हों, कोविड टीके की दूसरी डोज अवश्य लगवाएं, टीके की दोनों डोज से नए वैरिएंट से होगा बचाव - सीएमओ





गोरखपुर। कोविड के नये वेरिएंट से कोविड का टीका और प्रोटोकॉल का पालन ही बचाएगा। इसलिए जिन लोगों ने टीके की दूसरी डोज नहीं ली है, वो जहां कहीं भी हों, वहीं पर टीकाकरण करवा लें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि देश के किसी भी कोने में कोविड टीके की दूसरी डोज लगवाई जा सकती है। सीएमओ ने कहा कि टीके की दोनों डोज पूरा किये बिना कोविड संक्रमण की जटिलताओं का खतरा समाप्त नहीं होगा। टीका लगवाने के बावजूद मास्क, दो गज की दूरी, हाथों की स्वच्छता, लक्षण दिखने पर जांच, विदेश से आने वालों की अनिवार्य कोविड जांच जैसे सामुदायिक उपायों का कोविड की रोकथाम में अहम योगदान होगा। अगर नये वेरिएंट से बचना है तो ऑफिस, रोड, शादी, समारोह हर जगह इन नियमों के प्रति सचेत रहना होगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय का कहना है कि जिले में करीब 2.50 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने टीके की दूसरी डोज नहीं ली है। ऐसे लोग अपने नजदीकी बूथ से दूसरी डोज लगवा सकते हैं। आवश्यक नहीं है कि उसी बूथ पर दूसरी डोज लगवाई जाए। अगर प्रदेश से बाहर चले गये हैं तो उनके परिजनों का दायित्व है कि उन्हें बताएं कि वह जहां कहीं हों, वहीं पर टीके की दूसरी डोज लगवा लें। दूसरी डोज के लिए उसी मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की आवश्यकता होगी, जो कि पहली डोज के समय उपयोग किया गया था। जिले में 200 से अधिक बूथ संचालित किये जा रहे हैं, इनमें से किसी भी बूथ पर दूसरा डोज लगवाई जा सकती है। कहा कि करीब 48 लाख की आबादी वाले गोरखपुर जिले में कोविड की दो लहरों के दौरान करीब 59 हजार लोग संक्रमित हुए। इसमें बीमारी के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के प्रति बढ़ी सख्ती की अहम भूमिका रही है। अगर लोग वही सख्ती नया वेरिएंट आने से पहले अपना लें तो जनपद को कोविड मुक्त रखा जा सकेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा है कि गर्भवती को लगने वाला टीका मां और बच्चे दोनों को प्रतिरक्षण प्रदान करता है। धात्री महिलाओं पर भी टीके का कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है। इसलिए समय रहते गर्भवती और धात्री महिलाएं भी टीकाकरण अवश्य करवा लें।



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