विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहा नंदगंज रेलवे स्टेशन, देखरेख के अभाव में खराब हो रहे यात्री सुविधाओं के संसाधन
नंदगंज। स्थानीय रेलवे स्टेशन की उपेक्षा के कारण चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य है। प्लेटफार्म पर लगे यात्री सुविधाओं के संसाधन भी खराब हो रहे हैं। काफी समय बाद स्टेशन के नाम की लगी तीन इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड की लाइटें 10 दिन में ही खराब हो गईं। आसपास के लोगों के अनुसार हिन्दी, अंग्रेजी तथा उर्दू में स्टेशन का नाम का लिखा इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड लगाया गया था। उसमें चार-पांच दिन बाद पहले उर्दू में लिखे बोर्ड की लाइट बन्द हो गयी। उसके दो दिन बाद अंग्रेजी लिखे बोर्ड की और फिर तीन दिन बाद हिन्दी में भी लिखे बोर्ड की लाइट खराब हो गयी। इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड लगने के 10 दिन बाद ही सभी लाइटें खराब हो गयी है। इसी प्रकार स्टेशन पर गाड़ियों के नम्बर तथा किराया वाला बोर्ड भी लॉक डाउन से पूर्व का खराब पड़ा है। रेलवे स्टेशन के कर्मचारी भी इसकी सूचना मात्र देकर इतिश्री कर ले रहे हैं। इस समय स्टेशन पर गाड़ियों के आवागमन की कोई सूची नहीं लगी है। जिससे पता चल सके कि कौन सी गाड़ी चल रही तथा रुक रही है। प्लेटफार्म नम्बर 2 पर लगे दो हैण्डपम्प में एक काफी दिनों से खराब पड़ा है। जबकि मालगोदाम पर कार्य करने वाले मजदूर प्लेटफार्म 1 पर आकर पानी लेते है। इसी तरह स्टेशन प्लेटफार्म तथा फुट ओवरब्रिज पर लगा ट्यूबलाइट जल रहा है या नहीं, कोई देखता नहीं है। जबकि इस समय अधिकांश ट्यूबलाइट नहीं जल रहे है। कुल मिलाकर देखा जाय तो नंदगंज रेलवे स्टेशन का उपेक्षा के कारण कोई पुरसाहाल नहीं है। यात्रियों के बेंच टूटे पड़े हैं, प्लेटफार्म पर बने मूत्रालय एवं शौचालयों में पानी टंकियों को जोड़ा ही नहीं गया है।