जनसहयोग से ही कोरोना व इंसेफेलाइटिस से गोरखपुर को मिल सकती है निजात, बाधा पैदा करने वालों पर अब होगी सख्त कार्रवाई - सीएमओ
गोरखपुर। जिले को कोविड और इंसेफेलाइटिस से मुक्त कराने के लिए जनसमुदाय का सहयोग नितांत आवश्यक है। सीएमओ कार्यालय में सीफॉर के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण संबंधित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक व्यक्ति को कोविड का टीका लगवाएगा और हर बुखार के रोगी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा। कहा कि कोविड टीकाकरण स्थल पर मास्क, दो गज की दूरी, साफ-सफाई जैसे प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। इसके अलावा अगर कोई टीकाकरण में अवरोध पैदा करता है तो जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार कानूनी कार्यवाही होगी। इतना ही नहीं, अगर इंसेफेलाइटिस का कोई मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया जाता है तो संबंधित गांव की आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से अपेक्षा है कि यह उनकी जानकारी में हो। अगर ऐसे मरीज के बारे में अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता को जानकारी नहीं है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी। सीएमओ ने कहा कि प्रायः देखने में आ रहा है कि लोग कोविड टीकाकरण केंद्र पर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और टीकाकरण को बाधित भी कर रहे हैं। विभाग सभी को टीकाकरण की सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो लोग अच्छी सुविधा चाहते हैं उन्हें ऑनलाइन स्लॉट बुक करके ही टीकाकरण के लिए आना चाहिए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने को कहा गया है जो कोविड नियमों का उल्लंघन करते हुए टीकाकरण को बाधित कर रहे हैं। कहा कि बारिश के मौसम में अगर किसी में भी तेज बुखार की शिकायत है तो उसे आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की सेवाएं प्राप्त करनी चाहिए। बुखार की स्थिति में 108 नंबर एंबुलेंस की सेवा लेनी है। अपने मन से न तो दवा लेनी है और न ही किसी अप्रशिक्षित की सलाह पर इलाज करना है। मरीज को सीधे मेडिकल कालेज ले जाने की बजाय पहले स्थानीय और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना है ताकि ट्रांसपोर्टेशन के समय की बचत हो और इलाज में देरी न हो। गांव की आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी तेज बुखार के रोगियों के संबंध में सक्रिय रहने का दिशा-निर्देश है। अगर उनकी गैर जानकारी में मरीज को सीधे मेडिकल कालेज भर्ती कराया जाता है तो उन पर भी कार्यवाही होगी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. नंद कुमार ने बताया कि 19 अगस्त को घोषित परिणाम के अनुसार खोराबार, जंगल कौड़िया, ब्रह्मपुर, कौड़ीराम, सरदारनगर, डेरवा और पिपरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प अवार्ड मिला है। इस तरह 2020-21 में गोरखपुर जिले के कुल 10 ब्लाक अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड मिल चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह ने मच्छर दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि मच्छरों से बचाव करके कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. एके प्रसाद, डॉ. गणेश यादव, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह, डीपीएम पंकज आनंद, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान, जिला एआरओ केपी शुक्ल, आदिल, संदीप राय, शोएब, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. संदीप पाटिल, यूनीसेफ के प्रतिनिधि, यूएनडीपी के प्रतिनिधि पवन सिंह और पाथ संस्था के अधिकारी डॉ. राहुल कांबले, प्रतिनिधि राहुल आदि रहे। संचालन सीफॉर के वेदप्रकाश पाठक व आभार डॉ. एके चौधरी ने ज्ञापित किया।