बच्चों के हाथों में ईंटों से पड़े छाले नहीं बल्कि कलम व किताबें होनी चाहिए, खोने न दें बच्चों का बचपन - अरविंद





जखनियां। विश्व भर में 12 जून को मनाए जाने वाले विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर क्षेत्र के मुड़ियारी स्थित हनुमान मंदिर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान अरविंद यादव ने कहा कि बच्चों के सपनों और बचपन को ना छीनें। उन्होंने फैक्ट्री मालिकों, होटल मालिकों, दुकानदारों आदि से अपील किया कि 14 से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हाल में श्रम के लिए न लगाएं, बल्कि उनके परिजनों को उनकी शिक्षा दीक्षा के लिए प्रेरित करें और अगर संभव हो तो खुद ही ऐसे बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी उठाएं। बताया कि दुनिया भर में इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम पर रोक लगाना भी है। सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों द्वारा इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो अपना बचपन ईंट या कूड़े के ढेरों में खो देते हैं। कहा कि 5 से 17 साल तक के बच्चों को काम में लगाकर उनका बचपन न छीनें और उनके सुनहरे भविष्य से उन्हें न वंचित करें। कहा कि बच्चों के हाथों में काम से पड़े छाले नहीं, बल्कि कलम व किताबें होनी चाहिए। इस मौके पर अच्छेलाल चौहान, शिवशंकर यादव, सोमनाथ पाल, केसर यादव आदि रहे।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< टीकाकरण को उम्मीद से भी ज्यादा आ रहे लोग, टीका खत्म होने पर दोबारा मंगवाकर किया गया वैक्सीनेशन
टीकाकरण को गांव-गांव पहुंच रहे स्वास्थ्यकर्मी >>