खत्म हुआ बैंककर्मियों का धरना, जिले में दूसरे दिन ठप रहा करीब 200 करोड़ का कारोबार, 550 बैंकों पर लटके रहे ताले
गाजीपुर। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तत्वावधान में बैंककर्मियों का दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध कर रहे बैंककर्मियों ने मंगलवार को भी यूबीआई के महुआबाग स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया। यूनियन के सत्यदेव राम ने कहा कि सरकार ने बैंकों के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाया हुआ है। हम उनके इसी रवैये का विरोध कर रहे हैं। कहा कि सरकार द्वारा किया जा रहा बैंकों का निजीकरण जनता के साथ एक धोखा है। ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि सभी सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन राष्ट्रीयकृत बैंकों से ही होता है। क्षेत्रीय सचिव सत्यम कुमार ने कहा कि बैंकों के आस्तित्व को बचाने के लिए हम कुछ भी करेंगे, ताकि लोगों का हित सुरक्षित रह सके। सुनील उपाध्याय ने कहा कि निजीकरण बैंककर्मियों के साथ ही समाज के आर्थिक भविष्य के लिए भी खतरा है। मांग किया कि मजदूर विरोधी नीतियों को बैंक में लागू न किया जाए। साथ ही बैंकों के कार्य समय में किसी भी तरह का बदलाव न करने, ग्राहक सेवाओं को और बेहतर करने, पुरानी पेंशन को बहाल करने व बैंकों के निजीकरण को किसी भी हाल में न करने की मांग की। संचालन करते हुए दीपक सिंह ने बताया कि इस हड़ताल से जिले भर में करीब 200 करोड़ का कारोबार ठप रहा। वहीं करीब 350 बैंक शाखाओं व 550 एटीएम बंद रहे। धरने का समापन करते हुए यूनियन के अध्यक्ष सत्यदेव राम ने खाताधारकों को हुई असुविधाओं के लिए खेद भी व्यक्त किया। इस मौके पर कमलेश सिंह, संतोष राय, सरजू चौधरी, प्रभात कुमार, स्वामीनाथ गुप्ता, रोशन कुमार, मृत्युंजय कुमार, मुन्ना रावत, धर्मेंद्र कुमार, प्रवीण सिंह आदि रहे।