डीएम हुजूर! ये कैसा कारनामा, डीएम के सामने ही अपने पटल पर काम करता मिला घूसखोरी के आरोप में निलंबित तहसीलकर्मी, दुस्साहस की खूब हो रही चर्चा
कर्नलगंज। स्थानीय तहसील में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के भ्रष्ट निरंकुश कार्यप्रणाली का एक नया हैरतअंगेज मामला सामने आया है। जिसमें अभी हाल ही में तहसील कर्नलगंज में एक तहसील कर्मी द्वारा रिश्वत लिए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित कर्मी गुरूवार को जिलाधिकारी के तहसील निरीक्षण के दौरान बेखौफ अपने पटल पर काम करता दिखाई दिया। हैरानी ये है कि निलंबन अवधि में काम करने के बावजूद वो डीएम की नजरों में नहीं आ सका। इस दुस्साहस की क्षेत्र में जमकर चर्चा है। तहसील में कार्यरत रजिस्ट्रार कानूनगो गिरीशचंद्र सोनकर का घूसखोरी का एक ही सप्ताह में दो बार वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद एसडीएम ने उसे निलंबित कर दिया था। इसके बाद गुरूवार को जिलाधिकारी ने कर्नलगंज तहसील का औचक निरीक्षण किया और इस दौरान उक्त निलंबित कर्मचारी बेहिचक अपने पटल पर काम करता दिखा। निलंबन के बावजूद डीएम के सामने ही उक्त कर्मी का अपने पटल पर बेखौफ काम करना इस बात की तस्दीक करता है कि उसके ऊपर किस तरह के अधिकारियों का वरदहस्त है। जबकि विभागीय नियमानुसार जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक निलंबित कर्मी के सेवा से बाहर रहने व संबंधित पटल पर कार्य ना करने का प्रावधान है। इसके बावजूद निलंबित कर्मी द्वारा किसके आदेश पर नियम निर्देशों का उल्लंघन कर कार्य किया जा रहा है, इस पर अधिकारी मौन हैं। विदित हो कि जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही भ्रष्टाचार के प्रति काफी सख्त कड़े तेवर दिखाने वाले और जीरो टॉलरेंस की कार्यवाही अमल में लाए जाने वाले कहे जाते हैं। इसके बावजूद उन्हीं डीएम के निरीक्षण में निलंबित तहसील कर्मी उनकी नजरों से कैसे ओझल रहा, ये आश्चर्य का विषय है। इस बात की क्षेत्र में खूब चर्चा है।