रंग ला रही विधायक सुभाष पासी की पहल, दो वेंटिलेटर से जिला अस्पताल भी होगा लैस, गरीबों को मिलेगी सहूलियत
ग़ाज़ीपुर। सैदपुर के विधायक सुभाष पासी की सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वेंटिलेटर लगाने की पहल अब पूरे जिले में रंग लाने लगी है। पहल के बाद अब स्वास्थ्य महकमे ने भी अब तक वेंटिलेटर की सुविधा से अछूते रहे जिला अस्पताल में दो वेंटिलेटर लगने की स्वीकृति शासन के साथ ही दो वेंटिलेटर जिले को मिल गया है। जिसके चलते अब जिले व आस-पास के जिले के गरीब मरीजों को भारी सहूलियत होगी। अब तक उन्हें मऊ या वाराणसी भागना पड़ता था लेकिन वेंटिलेटर लग जाने से उन्हें दूसरे शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बाबत एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि शासन द्वारा एक वेंटिलेटर पूर्व में ही मिल चुका है, वहीं दूसरा वेंटिलेटर 7 मई को जिला अस्पताल के लिए मिला है। ऐसे में अब जिला अस्पताल में दो वेंटिलेटर गंभीर मरीजों के लिए कार्य करेंगे, जिसे आने वाले दिनों में इंजीनियरों की टीम के द्वारा जिला अस्पताल में इंस्टाल करके सुचारू किया जाएगा। बताया कि आने वाले समय में मुहम्मदाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भी एक वेंटिलेटर मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि गाजीपुर में सरकारी अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर न होने के चलते सैदपुर विधायक सुभाष पासी ने बीते 26 मार्च को मुख्यमंत्री समेत विस अध्यक्ष व मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर सैदपुर सीएचसी में 10 वेंटिलेटर के लिए अपनी निधि से 1 करोड़ रूपए जारी किया था। विधायक ने फोन पर बताया कि वो सैदपुर सीएचसी में वेंटिलेटर लगाकर ही दम लेंगे। इसके लिए भले ही उन्हें पूरी निधि लगानी पड़ जाए। कहा कि जैसे ही उनकी निधि को शासन द्वारा जिला मुख्यालय पर हस्तानांरित किया जाएगा, वो इसमें पूरी तरह से जुट जाएंगे। निधि का रूपया किसी तरह से अन्य काम में नहीं लगने देंगे और न ही अन्य विधायकों की तरह वो इसे वापस लेंगे। विधायक ने पत्र में ये भी अपील की थी कि अगर प्रदेश के सभी विधायक इस तरह का प्रयास करें तो स्वास्थ्य सेवाओं में यूपी अग्रणी हो जाएगा। वहीं एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि वेंटिलेटर को जनपद में लगाने से कोविड-19 के रोगियों के उपचार के साथ ही अन्य गंभीर मरीजों के इलाज में काफी सहायता मिलेगी। बताया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए शासन के द्वारा 1000 वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) भी जनपद को मिलने वाला है जिससे कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल भेजने में आसानी होगी।