देवकली : मांझा गांव में मैजिक चालक ने फांसी लगाकर दी जान, परिजनों ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाकर घेरा थाना, आरोपी कांस्टेबल निलंबित
देवकली। रामपुर मांझा थानाक्षेत्र के मांझा गांव में एक मैजिक चालक ने बीती रात फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। सुबह घटना का पता परिजनों को चला तो उन्होंने थाने में तैनात एक कांस्टेबल को मौत का जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद सोमवार की सुबह शव को कब्जे में लेने पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक भी हुई। पुलिस शव को लेकर थाने गयी तो वहां शव को थाने में ही रखकर थाने का घेराव करते हुए ग्रामीण व मृतक के परिजन एक साथ धरने पर बैठ गए। जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण बन गया। इसके बाद मौके पर एएसपी व सैदपुर तहसीलदार पहुंचे और समझाया बुझाया। तब जाकर वो माने। वहीं इस मामले में एसपी ने आरोपी कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हुआ ये कि मांझा गांव निवासी 54 वर्षीय राकेश गुप्ता ने रविवार की रात घर में ही फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। उसके बेटे और बेटी ने बताया कि वो मैजिक चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। बताया कि बीते 30 जनवरी को राकेश अपनी गाड़ी से ही बाजार से सामान लेकर घर आ रहा था। उसी समय अचानक एक बाइक सवार नाबालिग उससे टकराकर घायल हो गया। जिसके बाद पुलिस ने उसकी मैजिक गाड़ी को कब्जे में ले लिया और उसे थाने में बिठा दिया। मृतक के पुत्र आशीष ने आरोप लगाया कि इस मामले में थाने के कांस्टेबल गौरव नायक ने मेरे पिता को मानसिक व शारीरिक रूप से काफी प्रताड़ित किया। आरोप लगाया कि नाबालिग गलत साइड से था और न तो उसके पास हेलमेट था, न ही लाइसेंस। इसके बावजूद पुलिस ने मेरे ही पिता को पकड़ा और उन्हें छोड़ने के बदले 7 हजार रुपये ले लिए। जबकि पिता ने नाबालिग का इलाज आदि करा दिया था। रूपए लेने के बाद उन्हें तो छोड़ दिया लेकिन उनकी गाड़ी को नहीं छोड़ा। मृतक के पुत्र ने बताया कि थाने से आने के बाद उन्हें नाबालिग के परिजनों के फिर से फोन आ रहे थे और वो उनसे रूपए मांग रहे थे। वहीं मृतक की बेटी रंजना ने आरोप लगाया कि उसके पिता को नाबालिग के परिजन फोन करके 50 से 60 हजार रूपए की मांग कर रहे थे। जिस पर पिता ने कहा था कि वो अभी 5 हजार रुपये दे देंगे और बाकी के रुपये रोज 500-500 करके दे देंगे। लेकिन वो नहीं माने और आखिरकार पिता ने मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर बीती रात में आत्महत्या कर ली। बताया कि वो पिछले 3 दिनों से खाना नहीं खा रहे थे। धरने के बाद मौके पर एएसपी व तहसीलदार देवेंद्र यादव पहुंचे और उन्होंने आक्रोशित परिजनों को समझाया बुझाया। तब जाकर वो माने। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वहीं बाद में इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ. ईराज राजा ने आरोपी कांस्टेबल गौरव नायक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।