नंदगंज चीनी मिल के पुनः शुरू होने की जगी उम्मीद, राज्यसभा सांसद ने देश के उच्च सदन में उठाया मिल को शुरू कराने का मुद्दा
गाजीपुर। गाजीपुर जिले की निवासिनी व राज्यसभा की सांसद डॉ. संगीता बलवंत इस समय फॉर्म में दिख रही हैं। बीते दिनों अंधऊ हवाई पट्टी को फिर से शुरू करने की मांग उठाने के बाद अब उन्होंने गाजीपुर की प्रमुख समस्या नंदगंज के कई सालों से बंद पड़े चीनी मिल को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया है। देश के उच्च सदन में इस मामले के उठने के बाद अब उम्मीद जगी है कि शायद मिल को फिर से शुरू किया जा सके। बता दें कि नंदगंज के सिहोरी में स्थापित चीनी मिल करीब 26 सालों से बंद है। इस चीनी मिल को शुरू करने के लिए चुनावों में हर उम्मीदवार वादा करता है लेकिन बाद में भूल जाता है। कई बार मनोज सिन्हा ने इसके लिए पहल की तो अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इसे शुरू कराने का वादा किया। लेकिन कोई शुरू न करा सका। अब राज्यसभा सांसद ने इसे शुरू करने का मुद्दा सदन में उठाया है। इस मिल के बंद होने के चलते जिले के किसानों ने गन्ने की खेती काफी कम कर दी। जबकि 1978 में इसके स्थापना के बाद गाजीपुर के किसानों ने गन्ने की खेती करके मिल की तस्वीर बदल दी थी। प्रतिवर्ष करीब 12 लाख कुंतल गन्ने का उत्पादन था, जिससे मिल में चीनी बनाई जाती थी। इससे न केवल किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ी, बल्कि मिल शुरू होने से जिले के बेरोजगारों को रोजगार मिला। लेकिन 1997 में एक बार ये मिल जो बंद हुई तो फिर दोबारा न इस पर लगा ताला खुला और न ही जिले के गन्ना किसानों की किस्मत पर लगा ताला खुल सका। आज स्थिति ये है कि गाजीपुर में गन्ने की खेती बेहद कम हो गई है। ऐसे में दशकों से इस मिल को चालू कराने के लिए किसान एकजुट हैं।