यूपी पुलिस परीक्षा में सैदपुर के परीक्षा केंद्रों पर आ धमके डीआईजी, सुरक्षा के लिए चोटिल छात्रा के हाथ से खुलवा दी गयी पट्टी, इस खास व नए नियम से अभिभावक दिखे खुश





सैदपुर। यूपी पुलिस परीक्षा में पुलिस उपमहानिरीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने सैदपुर में बनाये गए परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। दूसरे दिन की दूसरी पाली में डीआईजी ओपी सिंह वाराणसी से सीधे सैदपुर के टाउन नेशनल इंटर कॉलेज पर पहुंचे। वहां परिसर के बाहर निरीक्षण के बाद वो केंद्र के अंदर बने कक्षों में पहुंचे और परीक्षा की स्थिति का जायजा लिया। केंद्र व्यवस्थापक व प्रधानाचार्य अनिल विश्वकर्मा से परीक्षा को लेकर आवश्यक जानकारियां लीं। सीसीटीवी के लाइव फुटेज की जांच करते हुए उसमें कैमरों की स्थिति को देखा। इसके पश्चात केंद्र व्यवस्थापक को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए बासूपुर के मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज के लिए रवाना हो गए। वहां जाकर उन्होंने केंद्र के अंदर चल रही परीक्षा की स्थिति जांची। केंद्र व्यवस्थापक को निर्देश दिया कि परीक्षा की शुचिता किसी भी हाल में भंग न हो। कहा कि परीक्षा को नकलविहीन सम्पन्न कराने के लिये प्रशासन ने एड़ी चोटी की जोर लगा दी है और अभी तक के रिकॉर्ड बता रहे हैं कि हम इसमें पूर्ण रूप से सफल भी हैं। बता दें कि परीक्षा में पुलिस द्वारा अभूतपूर्व सुरक्षा बरती जा रही है। यूपी पुलिस जैसी परीक्षा में नीट परीक्षाओं जैसी सख्ती व कड़ाई की जा रही है। विवाहिताओं के मंगलसूत्र हों या महिलाओं के कान के जेवर, हाथ के कड़े, सब निकलवा दिए गए। यहां तक कि हाथ में बंधे कलावा को भी सुरक्षाकर्मी काट दे रहे थे। एक केंद्र पर दुर्घटना में घायल एक छात्रा पहुंची। उसके हाथ में गर्म पट्टी बंधी थी। जांच के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उसके हाथ पर बंधी पट्टी को भी खुलवा दिया। सुरक्षा के ये इंतजाम देखकर परीक्षार्थी भी संतुष्ट दिखाई दे रहे थे। इसके अलावा सैदपुर सहित जिले के सभी नगर क्षेत्रों के परीक्षा केंद्रों पर ज्यादा संख्या में महिला अभ्यर्थियों को पंजीकृत किया गया था। जिसके चलते अभिभावक काफी खुश दिखे। उनका कहना था कि पहली बार ऐसा हुआ कि महिला अभ्यर्थियों की सुविधाओं के लिए उनके परीक्षा केंद्रों को नगर क्षेत्र के केंद्रों पर दिया गया था। परीक्षा कर्मियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद परीक्षा केंद्रों पर महिला अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम पंजीकृत थी। इसके पीछे ये कारण था कि नगर क्षेत्र के केंद्रों पर महिलाओं को आने जाने में आसानी होगी और उन्हें ढूंढने में समस्या नहीं होगी। वहीं गांव के परीक्षा केंद्रों पर पुरूष अभ्यर्थी आसानी से पहुंच जाएंगे। इस नियम से अभिभावक काफी खुश दिखे।



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