प्रधानमंत्री की योजना के तहत पहली संतान पर 5 हजार व दूसरी संतान बेटी होने पर फिर मिलते हैं 6 हजार रूपए, बस्ती ने पूरे प्रदेश में किया टॉप
गोरखपुर। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत सरकार गर्भधारण और पहला बच्चा होने पर दो किस्तों में 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद मातृ शिशु पोषण के लिए दे रही है। यह लाभ दूसरा बच्चा होने पर भी मिलता है, बशर्ते वह बिटिया हो। इस स्थिति में जन्म के 270 दिन के भीतर पंजीकरण करवाने पर एकमुश्त 6 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। इस योजना का लाभ दिलवाने में बस्ती जनपद 75.77 फीसदी पंजीकरण करवा कर प्रदेश के टॉप टेन जिलों में शामिल हो चुका है। योजना के प्रावधानों के मुताबिक यह सहायता उन्हीं लाभार्थियों को मिल रही है, जो दस में से किसी एक श्रेणी में आते हैं। निजी अस्पतालों में भी प्रसव के लाभार्थी योजना का लाभ ले सकते हैं। बस्ती शहर के चइयाबारी मोहल्ले की शिवांगी को इस योजना का लाभ बेटी होने के छह माह बाद भी मिला है। वह बताती हैं कि उनके पति प्राइवेट नौकरी करते हैं। करीब आठ साल पहले उनकी शादी हुई थी। दो वर्ष पहले जब गर्भधारण किया तो मायके चली गयीं और आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क में नहीं रह सकीं। प्रसव जिला महिला अस्पताल में ही हुआ लेकिन योजना की जानकारी न होने से पहले बच्चे में इसका लाभ भी नहीं पा सकीं। संस्थागत प्रसव के लिए उस समय 1000 रुपये उनके खाते में दिये गये। शिवांगी ने बताया कि जब दूसरी बार उन्होंने गर्भधारण किया तो आशा कार्यकर्ता प्रियंका को सबसे पहले यह बात बताई। आशा ने प्रसव पूर्व जांच करवाया और (टिटनेस डिफ्थीरिया) टीडी का टीका भी लगवाया। छह माह पहले बिटिया पैदा हुई। आशा प्रियंका ने ही उन्हें बताया कि अगर दूसरी शिशु बेटी है तो पीएमएमवीवाई योजना के तहत 6000 रुपये अच्छे खानपान और बिटिया के पोषण के लिए मिलेंगे। आशा ने टीकाकरण कार्ड और आधार कार्ड व बैंक डेटिल लेकर फार्म भरवाया और छह हजार रुपये उनके खाते में आ गये। आशा कार्यकर्ता प्रियंका का कहना है कि पहले बच्चे की स्थिति में लास्ट मंथ ऑफ पीरियड (एलएमपी) के छह माह के भीतर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच करवा लेने के बाद 3000 रुपये लाभार्थी को मिलते हैं। इसका उद्देश्य गर्भावस्था में मां को हरी साग सब्जियां, प्रोटीन युक्त भोजन और बेहतर पोषण की सुविधा देना है। पंजीकरण के लिए आशा की मदद ली जा सकती है। बच्चे के जन्म लेने और प्रथम चक्र के टीकाकरण के बाद लाभार्थी को खाते में 2000 रुपये और मिलते हैं जिससे मां का पौष्टिक आहार जारी रहे और मां के स्तनपान के जरिये बच्चे को अच्छा पोषण मिल सके। दूसरा बच्चा अगर लड़की है और उसका टीककारण पूरा हो गया है तो भी लाभार्थी को एकमुश्त छह हजार रुपये मिलेंगे। बस्ती मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण डॉ नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि बस्ती जनपद में 11569 गर्भवती और धात्री का वर्तमान वित्तीय वर्ष में पंजीकरण कर योजना का लाभ दिया गया। सिद्धार्थनगर जिले में 8190 गर्भवती और संतकबीरनगर जिले में 3274 लाभार्थी का पंजीकरण हुआ है। सभी जिलों से अधिकाधिक पंजीकरण कर योजना का लाभ दिलवाने को कहा गया है। प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन के लिए बस्ती जिले के योजना से जुड़े जिला कार्यक्रम समन्वयक और उनकी टीम प्रशंसा की पात्र है।