पंचायत सचिव व सहायक अधिकारी से मिलकर प्रधान ने किया 10 लाख का गबन, लोकपाल की जांच में हुआ खुलासा





मुहम्मदाबाद। क्षेत्र के भांवरकोल ब्लाक के देवरिया के ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों में गबन का मामला सामने आया है। लोकपाल मनरेगा सेल की जांच में ये स्पष्ट हुआ है कि प्रधान द्वारा 4 कार्यों को कराने के नाम पर करीब 10 लाख रूपए का गबन किया गया है, जबकि वास्तव में वो काम धरातल पर हुए ही नहीं। गांव निवासी जितेंद्र कुमार, सुदर्शन यादव आदि ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि ग्राम प्रधान ने सचिव समेत ब्लॉक के अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से बिना काम कराए लाखों का गबन किया है। उनकी शिकायत का संज्ञान लेते हुए लोकपाल मनरेगा सेल की प्रमुख अधिकारी गीता राय द्वारा जांच गई। जांच के दौरान पाया गया कि उनके द्वारा 4 कार्यों के नाम पर 10 लाख 15 हजार 182 रूपए का विकास कार्यों का धन उतारा जाना दिखाया गया है। जिसमें कागज में मंगला राय के खेत से बरमेश्वर यादव के खेत तक चकबन्ध मिट्टी के कार्य पर कुल 2 लाख 59 हजार 860 रूपए का कार्य कराया गया। वहीं सुग्रीव यादव के खेत से नागेन्द्र के खेत तक चकबन्ध मिट्टी का कार्य कुल 2 लाख 64 हजार 333 रूपये की लागत से हुआ। सुग्रीव के खेत से ही सुनील के खेत तक के चकबन्ध मिट्टी का कार्य 2 लाख 64 हजार 996 रूपये की लागत से हुआ व जनार्दन के खेत से छोटक के खेत तक चकबन्ध मिट्टी का कार्य 2 लाख 25 हजार 993 रूपए की लागत से किया जाना दिखाया गया। जबकि वास्तव में धरातल पर एक भी काम नहीं कराए गए थे। पता चला कि उक्त कार्यों में ग्राम प्रधान नागेन्द्र बिन्द समेत तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव व तत्कालीन सहायक अधिकारी ने आपसी मिलीभगत के जरिए फर्जी कागज तैयार करते हुए सारा काम कागजों पर ही दिखा दिया और 10 लाख 15 हजार 182 रूपए के सरकारी धन का अनियमित भुगतान कराकर गबन कर लिया। इस मामले का खुलासा होते ही गांव में हड़कंप मचा हुआ है।



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