एक माह से चल रही रामहित यात्रा का हुआ समापन, जिले के दर्जनों स्थानों पर प्रवास के बाद महामंडलेश्वर ने किया समापन
सादात। क्षेत्र के सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधिपति एवं जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति महाराज की विगत एक माह से चल रही रामहित यात्रा मनिहारी में सम्पन्न हुई। आदि शक्ति और भगवान भोलेनाथ के अनन्य उपासक महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति ने अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान अनेक गांवों में प्रवास करते हुए पूजन-प्रवचन और गुरु दीक्षा के माध्यम से शिष्य श्रद्धालुओं को धर्मोपदेश देकर धर्मानुरागी बनाने का कार्य किया। सिद्धपीठ की संत परम्परा के तहत हरिहरात्मक पूजन के पश्चात प्रवचन करते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि आज लोगों का जीवन काफी भाग दौड़ वाला हो गया है, जिसमें कुछ समय भगवान के लिए निकालकर ईश्वर की आराधना करना अत्यंत ही श्रेयस्कर है। इस धरा धाम पर आने के बाद इंसान भगवान को भूल जाता है कि उसे क्या करना है। सत्कर्म और सत्संग से जुड़कर अपना जीवन सफल बनायें। ईश वंदना से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है व्यक्ति के अंदर और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध करते हुए भगवत भजन जैसा उत्तम कार्य करें। उन्होंने संत और सत्संग के सानिध्य में रहने से अच्छे विचारों का सृजन होने की बात कहते हुए बताया कि मनुष्य के अंदर प्रेम, भक्ति, श्रद्धा और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना होना जरूरी है। गौरतलब है कि सनातन धर्म और सिद्धपीठ हथियाराम की प्राचीन संत परंपरा का निर्वहन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज बीते पांच नवम्बर से आजमगढ़ के भिलिहली गांव से रामहित यात्रा शुरू कर शिष्य श्रद्धालुओं को धर्मोपदेश दे रहे थे। इस दौरान मनिहारी सहित आसपास के गणमान्यजन और काफी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे। करीब पचास से अधिक दम्पत्तियों ने महाराजश्री से गुरु दीक्षा लेकर शिष्यत्व ग्रहण किया।