स्वास्थ्य केंद्र का हुआ एनक्वास सर्विलांस, 70 फीसदी से ज्यादा मिले अंक तो सरकार देगी दो लाख रुपये
गोरखपुर। शहरी स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में प्रदेश में सबसे पहले नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) पाने वाले बसंतपुर केंद्र का दो दिवसीय तीसरा व आखिरी एनक्वास सर्विलांस पूरा हुआ। इस सर्विलांस में 70 फीसदी से अधिक अंक मिलने पर केंद्र को दो लाख रुपये मिलेंगे। केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि इस पीएचसी को वर्ष 2019 में एनक्वास का प्रमाणपत्र मिला था। इसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी श्रीवास्तव और उनकी टीम का सराहनीय योगदान रहा है। मंडलीय समन्वयक डॉ प्रीति सिंह, जिला समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ जसवंत मल्ल, तत्कालीन जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ मुस्तफा खान और सहायक विजय श्रीवास्तव समेत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभी कार्यक्रम अधिकारियों की टीम के प्रयासों से 1500 चेक प्वाइंट के मूल्यांकन में बसंतपुर अव्वल रहा। इस उपलब्धि पर बसंतपुर केंद्र को दो लाख रुपये मिले थे। इससे वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ, टाइल्स लगाए गए। मॉडल टीकाकरण केंद्र का कक्ष विकसित किया गया। नए दरवाजे लगे थे। डॉ नंद कुमार ने बताया कि जिस भी स्वास्थ्य इकाई को एनक्वास प्रमाणपत्र मिलता है। उसका तीन वर्षों तक एनक्वास सर्विलांस किया जाता है। तीसरे वर्ष के सर्विलांस के लिए स्टेट टीम से डॉ कमल मिश्रा और अरुण श्रीवास्तव की टीम आई थी। टीम ने सभी 1500 चेक प्वाइंट पर मूल्यांकन किया है। प्रथम सर्विलांस कोविड के कारण वर्चुअल और दूसरा सर्विलांस भौतिक तौर पर हुआ था। तीनों सर्विलांस के आधार पर भी छह लाख रुपये बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र को प्राप्त होंगे और इससे पीएचसी पर स्वास्थ्य सुविधाएं और सुदृढ़ हो सकेंगी। एनक्वास प्रमाणित बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र के लालडिग्गी इलाके में रहने वाली अन्नू का भी कहना है कि अस्पताल आने पर किसी निजी अस्पताल जैसा महसूस होता है। सुविधाएं काफी अच्छी हैं। वह अपनी नौ माह की बच्ची का टीकाकरण अस्पताल से ही करवाती हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था भी काफी अच्छी है। टीकाकरण के बाद उन्हें समझाया जाता कि टीका लगने के बाद कभी कभी बुखार भी आ जाता है, इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। बुखार की दवा भी दी जाती है। टीकाकरण के बारे में आशा कार्यकर्ता जीता देवी पूर्व सूचना देती हैं।