‘पुष्पा‘ ने 70 लाभार्थियों तक पहुंचाई आयुष्मान योजना, सीएमओ ने बुलाकर किया सम्मानित





गोरखपुर। आयुष्मान भारत योजना का लाभ जनता तक पहुंचाने के मामले में खोराबार ब्लॉक की आशा कार्यकर्ता पुष्पा ने एक अलग पहचान बनायी है। वह निजी लैपटॉप की मदद से 70 लोगों का आयुष्मान कार्ड जेनेरेट कर चुकी हैं, जिनमें से 60 उनके अपने गांव के लाभार्थी हैं। वह 10 लाभार्थियों को योजना का लाभ भी दिलवा चुकी हैं। नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने जब उनकी अद्वितीय उपलब्धि के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे को बताया तो उन्होंने दफ्तर बुला कर आशा कार्यकर्ता को सम्मानित किया। खोराबार गांव के गौरबरसाइत गांव में बतौर आशा कार्यकर्ता वर्ष 2015 में पुष्पा की तैनाती हुई थी। वह इंटर पास हैं। वह बताती हैं कि कोविड ड्यूटी में एप पर आंकड़ा अपडेट करने के दौरान लैपटॉप सीखने की जरूरत महसूस हुई। फिर कुछ ही दिनों में पति के सहयोग से सहयोग मैंने लैपटॉप सीख लिया। मेरी यह जानकारी आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों तक कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में काम आई। मैंने पंचायत सहायक से आईडी और पासवर्ड मांग लिया और पात्र लोगों के घर-घर जाकर कार्ड जेनेरेट कर दिया। महज एक माह में मैंने 70 कार्ड जेनेरेट कर दिया। गांव की उर्मिला बताती हैं कि अगर आशा कार्यकर्ता पुष्पा न होतीं तो उनके पति और बच्चे को योजना का निःशुल्क लाभ न मिल पाता। पति पुरुषोत्तम को बवासीर और बेटी को सीने में कुछ दिक्कत थी। आशा कार्यकर्ता उन्हें योजना से सम्बद्ध निजी अस्पताल तक ले गयीं और दोनों का भर्ती कर इलाज किया गया। केवल दो लोगों के आयुष्मान कार्ड उस समय बन पाए थे। आशा की मदद से परिवार के बाकी सदस्यों का भी आयुष्मान कार्ड बनाया जा सका है। उनके पति मजदूर हैं और उनके लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। आशा कार्यकर्ता पुष्पा बताती हैं कि कार्ड बनाने में तकनीकी चुनौतियां आती हैं, लेकिन उसके लिए ब्लॉक पर तैनात आरोग्य मित्र से मदद ले ली जाती है। उनके कार्य को विभाग से जो सम्मान मिला है, उससे उनका हौसला बढ़ा है और इस सम्मान को बनाए रखने का पूरा-पूरा प्रयास करेंगी। योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह बताते हैं सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 की सूची में शामिल जरूरतमंद लोग, अन्त्योदय कार्ड धारक, चयनित निर्माण श्रमिक, तीन तलाक पीड़ित महिलाएं इस योजना के लाभार्थी हैं। लोगों को योजना का लाभ तभी मिल पाता है जब वह आयुष्मान कार्ड बनवा लें। यह कार्ड बनने के बाद प्रति लाभार्थी परिवार पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज भर्ती होने पर मिल जाता है। पहले से कार्ड होने से गंभीर परिस्थितियों में बिना समय नष्ट किये इलाज मिल जाता है।



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