चोरों की शानदार किस्मत या इसमें शामिल है कोई नजदीकी, मिला इतना संयोग कि बिना सहयोग नहीं लग रहा संभव





सैदपुर। यूनियन बैंक में हुई इतनी बड़ी चोरी बिना किसी नजदीकी सहयोग के संभव नहीं लग रही है। क्योंकि चोरी में हर चीज सटीक ढंग से हुई है। सबसे सटीक चीज है चोरी के लिए छत को तोड़ने की जगह। काफी बड़े हिस्से में मौजूद बैंक के प्लेन छत को जिस जगह पर काटा गया है, वो जगह ठीक लॉकर रूम में ऊपर ही निकला। यहां तक कि लॉकर रूम में भी वो जगह अंदर रखी गई गोदरेज की आलमारी व सीलिंग फैन के ठीक बगल में काटी गई है। ऐसे में या तो चोरों की किस्मत शानदार थी या कोई जानने वाला शामिल था। इधर छत काटने के बाद चोर उसी आलमारी पर उतरे और उससे होकर नीचे उतरे। अगर वो आलमारी नहीं होती तो उतरने में काफी समस्या होती। यानी उन्हें पहले से ही पता था कि नीचे लॉकर रूम कहां पर है और लॉकर रूम में भी आलमारी कहां पर रखी है। नीचे उतरने के बाद उन्होंने एक-एक करके 5 लॉकरों को बीच से ही काट दिया और उसमें से जेवर निकाल लिए। लॉकर इतनी मोटी थी कि सिर्फ 5 दरवाजे ही वो काट सके। इसके बाद उन्होंने वापिस जाने के लिए आलमारी पर कुर्सी रखी और उस भी स्टेबलाइजर रखकर पंखे की पाइप के सहारे बाहर निकल गए। सबसे हैरानी ये हो रही है कि संभवतः चोरों को पता था कि कौन सा लॉकर किसका है और किसमें ज्यादा माल हो सकता है। जिसके चलते उन्होंने चिह्नित करके ही लॉकरों को काटा। ये भी संभवना जताई जा रही है कि उन्होंने छत को शनिवार की पूरी रात में काटा होगा और फिर वहां उस पर लकड़ी का पटरा रख दिया और रविवार की रात में अंदर घुसकर लॉकरों को काटा होगा। क्योंकि इतना ज्यादा काम एक ही रात में नहीं हो सकता। चोरों ने लॉकर काटने के लिए भी गैस कटर का प्रयोग नहीं किया, बल्कि किसी अन्य कटर का प्रयोग किया है। घटना के बाबत छुट्टी पर गए शाखा प्रबंधक भोलानाथ यादव की जगह उपशाखा प्रबंधक विकास कुमार ने बताया कि काटे गए छत के बगल में जो लकड़ी का पटरा रखा गया था, वो पहले काफी दूर रखा गया था। लेकिन आज सुबह वो छेद के बगल में था। ऐसे में चोरों ने छुट्टी का फायदा उठाते हुए एक रात छत को काटने में व दूसरी रात चोरी करने में लगाई होगी।



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