बड़ी कामयाबी, किसी और ने नहीं बल्कि महिला कांस्टेबल के कांस्टेबल दोस्त ने ही कराया था उसके पिता का अपहरण, महज 7 घंटों में पुलिस ने कांस्टेबल समेत दो को किया गिरफ्तार
सैदपुर। नगर के गंगा पुल से शनिवार की सुबह महिला कांस्टेबल के पिता का दिनदहाड़े अपहरण किसी और ने नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस के ही एक कांस्टेबल ने एकतरफा आशनाई में कराया था। सैदपुर पुलिस व क्राइम ब्रांच ने बड़ी तत्परता दिखाते हुए महज 7 घंटों के अंदर इस मामले में कांस्टेबल समेत दो को गिरफ्तार करते हुए अपहृत को सकुशल बरामद कर लिया। चंदौली के धानापुर स्थित हिंगुतरगढ़ निवासी मेघश्याम सिंह की इकलौती बेटी नंदनी (बदला हुआ नाम) गोरखपुर के एक थाने पर बतौर कांस्टेबल तैनात थी। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस लाइन में उसकी दोस्ती गोरखपुर के संत कबीर नगर में एसपी ऑफिस में सीसीटीएनएस में तैनात वाराणसी के जंसा स्थित बसुहनचक निवासी कांस्टेबल दीपक वर्मा पुत्र मुखराम वर्मा से हो गई। दीपक 2019 बैच का सिपाही है। दोनों के बीच बातचीत होने लगी तो दीपक उससे शादी के सपने देखने लगा। लेकिन जाति अलग होने से नंदनी ने दीपक से साफ मना कर दिया और बातचीत बंद कर दी। 15 दिनों पूर्व उसने फिर से नंदनी को फोन किया तो उनके बीच फिर से लड़ाई हो गई। इस बीच नंदनी छुट्टी लेकर अपने घर आ गई। इधर दीपक अब उससे बदला लेने की सोचने लगा। कुछ दिनों पूर्व वो भी छुट्टी लेकर आया और अपने कुछ दोस्तों के साथ मेघश्याम सिंह के अपहरण की पूरी योजना बनाई। छुट्टी खत्म होने पर वो फिर से ड्यूटी गया और छुट्टी बढ़वाकर वापिस आ गया। यहां आकर शातिर दीपक ने करीब 6 दिनों पूर्व मेघश्याम को किसान सम्मान निधि योजना विभाग की तरफ से कर्मचारी बनकर फोन किया और उन्हें एक स्थान पर बुलाया ताकि उनका अपहरण कर सके। लेकिन वो नहीं गए। जिससे उसका उस दिन का प्लान फेल हो गया। इस बीच उसने पता लगाया कि नंदनी छुट्टी पर घर आई है। छुट्टी खत्म होने की तारीख पता लगाकर वो शनिवार की भोर 4 बजे ही अपने पकड़े गए दोस्त इकराम अली पुत्र कमरूद्दीन निवासी गोराई के साथ उसकी बोलेरो लेकर नंदनी के गांव पहुंच गया। वहां से जब सुबह उसके पिता मेघश्याम नंदनी को लेकर निकले तो उसने मारूफपुर के पास एक स्थान पर बोलेरो से उन्हें धक्का मारा लेकिन वो बच गए। जब वो नंदनी को स्टेशन पर छोड़कर वापिस आ रहे थे तो पुल पर उसने एक स्थान पर चलती बाइक को धक्का देकर मेघश्याम सिंह को गिरा दिया और फिर कुछ बदमाशों ने लकड़ी से मेघश्याम को मारा और जबरदस्ती गाड़ी में बिठा लिया। इसके बाद वो उसे लेकर चंदौली के रास्ते ही कई स्थानों पर घुमाता हुआ अपने जंसा स्थित घर पर पहुंचा। इस बीच उसने मेघश्याम के पुत्र शोभित सिंह को उनके नंबर से ही फोन कर 25 लाख की फिरौती मांगी। शोभित मध्य प्रदेश के सतना में बतौर कांस्टेबल सीसीटीवी कंट्रोल रूम में तैनात है। फोन आने के बाद वो हलकान हो गया। इधर चंदौली पुलिस ने शनिवार को 3 बजे गाजीपुर एसपी को फोन कर पूरी जानकारी दी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की कई टीमें सक्रिय हुई और उन्होंने रात के साढ़े 12 बजे आरोपी दीपक समेत दूसरे अभियुक्त इकराम अली को कतवारूपुर तिराहा जंसा वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया और सैदपुर लाए। उन्होंने सकुशल रूप से अपहृत मेघश्याम को भी बरामद कर लिया। जिसके बाद परिजनों के जान में जान आई। पकड़े जाने के बाद रविवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया। उनके पास से घटना में प्रयुक्त बोलेरो सहित मेघश्याम की बाइक भी बरामद हुई है। एसपी ने कहा कि जल्द ही घटना में शामिल अन्य 5 की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इधर मेघश्याम के पुत्र शोभित ने पुलिस को सबसे अहम सुराग बोलेरो का नंबर देने वाले पानी विक्रेता विनोद को कपड़ा देकर उसका उत्साहवर्धन किया। कहा कि अगर आम जनता पुलिस की मदद करे तो अपराध या तो रूक जाएगा या जल्द ही खुलासा हो जाएगा। वहीं मेघश्याम सिंह की भी एसपी ने तारीफ की। क्योंकि उन्होंने अपहरणकर्ता के मन माफिक काम किया और उसे उलझाए रखा, ताकि वो उनके साथ कुछ गलत न करे। इधर आरोपी दीपक का कहना था कि उसने अपहरण इसलिए किया ताकि वो उनकी बेटी नंदनी पर शादी करने के लिए दबाव बना सके। बहरहाल, एसपी ने कहा कि आरोपी को बर्खास्तगी के साथ ही उस पर अपहरण की धारा में मुकदमा चलेगा और आरोप अगर तय हुआ तो या तो उम्रकैद होगी या मौत की सजा मिलेगी। एसपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रूपए नकद देने की घोषणा की है। टीम में कोतवाल तेजबहादुर सिंह समेत एसआई अगम दास, स्वाट टीम प्रभारी आरके सिंह, हेकां सुरेंद्र यादव, प्रेमशंकर सिंह, संजय पटेल, कां. अजीत कुमार, गौरव सिंह, राकेश कुमार, प्रमोद कुमार, दिनेश कुमार, संजय प्रसाद आदि रहे।