स्कूल-कॉलेज बंद लेकिन अब तक चल रहे कोचिंग संस्थानों में उड़ रही गाइड लाइंस की धज्जियां, स्कूल प्रबंधकों ने की ये मांग





नंदगंज। शासन- प्रशासन द्वारा कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट तथा शीतलहर को देखते हुए इंटर तक के स्कूल कॉलेज तो बंद कर दिये गये हैं लेकिन कोचिंग संस्थानों पर कोई अंकुश न होने से वो खुलेआम चल रहे हैं। जहां कोरोना की गाइड लाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, वहीं बाजार एवं आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न नामों से करीब तीन दर्जन से अधिक कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। सुबह साढ़े छः बजे से कोचिंग शुरु होकर दोपहर तक चलाई जा रही है। यही नहीं, स्कूल-कालेज बंद हो जाने से अब कोचिंग वाले भी मौका देखकर अपनी फीस बढ़ा चुके हैं। निजी विद्यालयों के प्रबंधकों का कहना है कि हम लाखों रुपए से विद्यालय भवन बनवाकर झख मार रहे हैं, जबकि दो-तीन कमरों में कोचिंग खोलकर संचालक मलाई काट रहे हैं। कोचिंग में बैठे छात्रों में सामाजिक दूरी को कौन कहे, 90 प्रतिशत छात्र मास्क भी नहीं पहने होते हैं। उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मजे की बात यह है कि अधिकांश कोचिंग संस्थान पंजीकृत भी नहीं हैं। स्कूल संचालकों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोचिंग संस्थानों को भी स्कूल की तरह बंद कराने की मांग की है।



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