‘जिले के 16 पुरुषों ने दिखाई समझदारी, अब है आपकी बारी’, खत्म हो रही भ्रांतियां


गोरखपुर। जिले में इस साल 22 नवम्बर से 11 दिसम्बर तक मनाये गये पुरुष नसबंदी पखवाड़े में पिछले वर्षों की तुलना में अच्छा प्रयास सामने आया है। इस दौरान 16 पुरुषों ने समझदारी का परिचय दिया और नसबंदी का साधन अपनाया। यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. नंद कुमार ने बताया कि भय और भ्रांति के कारण नसबंदी के लिए पुरुष सामने नहीं आते हैं, जबकि पुरुष नसबंदी काफी असरदार और सुरक्षित है। इसका यौन क्षमता या शरीर पर कोई लघुकालिक अथवा दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। डॉ. नन्द कुमार का कहना है कि कोविड का परिवार नियोजन सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। वर्ष 2019 में मनाये गये पुरुष नसबंदी पखवाड़े में 13 पुरुषों ने, जबकि वर्ष 2020 में मनाये गये पखवाड़े के दौरान महज छह पुरुषों ने यह साधन चुना। इस साल पखवाड़े के दौरान यह संख्या काफी बढ़ी है और जिला टॉप टेन में है। बताया कि पखवाड़े के दौरान महिलाओं को भी परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। इस अवधि में 956 महिलाओं ने नसबंदी कराई। बताया कि जिले में निर्धारित सेवा दिवसों पर भी पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हौसला साझेदारी के तहत प्रकाश सर्जिकल और सूर्या क्लिनिक में भी नसबंदी की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। इस साल अप्रैल से लेकर 20 नवम्बर तक 25 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 51 पुरुष नसबंदी हुई है। जिले में वर्ष 2019-20 में 287 पुरुषों ने नसबंदी करवाई थी, जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2018-19 में महज 84 था। जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रमों के संचालन में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) से जुड़े जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ, जबकि शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्था पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई)-द चैलेंज इनीशिएटिव फॉर हेल्दी सिटीज (टीसीआईएचसी) की टीम तकनीकी सहयोग प्रदान करती है। बताया कि इसके लिए पुरुष विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष या उससे कम हो और दंपति के पास कम से कम एक बच्चा हो, जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है। उन्होंने यह भी बताया कि पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को 2000 रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरक आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी को 300 रुपये दिये जाते हैं। पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले गैर सरकारी व्यक्ति को भी 300 रुपये देने का प्रावधान है।