भारत को ओलंपिक में हॉकी का कांस्य दिलाने वाले ललित उपाध्याय ने अपने दिवंगत गुरू के चरणों में समर्पित किया अपना मेडल, दिया श्रेय
सैदपुर। टोक्यो ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाले भारत की पुरूष हॉकी टीम के सदस्य ओलंपियन ललित उपाध्याय गुरूवार को अपनी करमपुर स्थित कर्मभूमि पर पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। करमपुर स्थित मेघबरन सिंह हॉकी स्टेडियम पर पहुंचने के पूर्व सिधौना से ही उनका भव्य स्वागत शुरू हो गया। सिधौना के बाद औड़िहार में उनका युवाओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। वहां से बाइक जुलूस के साथ ओलंपियन अपना मेडल दिखाते करमपुर स्थित मेघबरन सिंह हॉकी स्टेडियम पहुंचे, जहां पहुंचने के बाद वो भावुक हो गए। वहां उन्होंने सबसे पहले अपना मेडल अपने दिवंगत गुरू स्व. तेजबहादुर सिंह के छोटे भाई पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह के गले में डाल दिया और कहा कि आप इसके हकदार हैं। इसके पश्चात पूर्व सांसद समेत पूर्व एमएलसी कैलाश सिंह, ब्लॉक प्रमुख हीरा सिंह यादव, कोच इंद्रदेव आदि ने ललित का माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इसके पश्चात ललित ने आभार जताते हुए कहा कि आज वो जिस मुकाम पर हैं, उसका पूरा श्रेय उनके गुरू स्व. तेजबहादुर सिंह को जाता है। कहा कि जब वो 2013 में करमपुर स्थित मेघबरन सिंह डिग्री कॉलेज में स्नातक में प्रवेश के लिए आए तो उनके गुरू ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद वो उन्हें हॉकी का प्रशिक्षण देने लगे। संस्मरण याद करते हुए ओलंपियन ने कहा कि गुरूजी हमेशा कहते थे कि ललित तुम बस खेलो और बाकी किसी चीज पर ध्यान न दो। ललित ने बताया कि गुरूजी के चलते कभी भी उनकी फीस तक नहीं लगी और शायद गुरूजी के उसी भरोसे का नतीजा है कि आज मैं उस भारतीय टीम का हिस्सा हूं, जिसने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल का सूखा खत्म किया है। कहा कि गुरूजी को हमेशा से भरोसा था कि एक न एक दिन करमपुर का खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल लाएगा। इसके बाद ललित ने स्व. सिंह को उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के साथ ही अपना ओलंपिक का मेडल भी उनके पैरों में समर्पित किया। कहा कि इस मेडल के असली हकदार गुरूजी ही हैं। कहा कि गुरूजी के अनुशासन के चलते मेरा कैरियर इस बुलंदियों पर पहुंचा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ गोल करने वाले हॉकी खिलाड़ी राजकुमार पाल के लिए दुःख जताते हुए कहा कि आज मेरे साथ राजकुमार भी मेडल के साथ खड़े होते लेकिन आखिरी समय में उनका चयन ओलंपिक के लिए नहीं हुआ। कहा कि अगले ओलंपिक में निश्चित रूप से राजकुमार समेत अजीत पांडेय, लक्ष्मी कुमार, राजू आदि खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर आएंगे। इसके पश्चात उन्होंने वहां मौजूद नन्हें हॉकी खिलाड़ियों से भी बात की। उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि जिस निःस्वार्थ भाव से यहां पर हॉकी का प्रशिक्षण दिया जाता है, आने वाले समय में निश्चित ही ये बच्चे भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड लेकर आएंगे। उन्होंने बच्चों से कहा कि सपने देखो और उसे पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाओ। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने भी ललित के साथ के पुरानी यादों को ताजा किया। ललित से पूर्व सांसद ने अपील किया कि पूर्वांचल में हॉकी के पुरोधा कहे जाने वाले स्व. तेजबहादुर सिंह को उनका सही स्थान मिलना चाहिए। कहा कि यूपी सरकार ने उनके लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार की संस्तुति करके दिल्ली भेज दिया है। ऐसे में अब ललित को इस दिशा में प्रयास करके उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार दिलाकर गुरूदक्षिणा देनी चाहिए। कहा कि ललित के सम्मान में आज से मेघबरन सिंह हॉकी स्टेडियम के एक छोर को ललित उपाध्याय स्टैंड के नाम से जाना जाएगा। ललित ने उस स्टैंड का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान युवाओं को जोश देखते ही बन रहा था। छोटे-छोटे बच्चे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। मंच पर ललित के साथ सेल्फी लेने वालों की भारी भीड़ जुटी रही। इस मौके पर व्यवसायी गंगासागर सिंह, रमाशंकर सिंह हिरन, ब्लॉक प्रमुख हीरा यादव, कोच इंद्रदेव यादव, राहुल यादव, विनीत यादव, सुनील यादव, गुलाम गौस आदि रहे।