तो क्या पूरे प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन चुकी है गाजीपुर की जिपं अध्यक्ष सीट, सपा के अलावा बागी सदस्यों से भी अखिलेश यादव ने मुलाकात करने सियासी चर्चाएं तेज



आकाश बरनवाल



गाजीपुर। ऐसा लगता है कि गाजीपुर की जिला पंचायत सीट सिर्फ पूर्वांचल की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन चुकी है। क्योंकि यहां के चुनाव को साधने में सीधे सपा मुखिया अखिलेश यादव रूचि ले रहे हैं और इसके लिए बाकायदा जिले के सपा समर्थित जिपं सदस्यों समेत उन सदस्यों को भी अखिलेश दरबार में बुलाया गया है, जो पहले सपा के थे और बाद में सपा द्वारा टिकट न मिलने से सपा प्रत्याशी के खिलाफ बागी होकर लड़े और जीत भी हासिल की। सोमवार को गाजीपुर के करीब 25 जिला पंचायत सदस्यों को लखनऊ बुलवाया गया था, जहां वो सभी सदस्य सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिले और बातचीत की। उनमें से कई ऐसे सदस्य भी थे, जिन्होंने टिकट न मिलने पर सपा से बागी होकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल करके सपा के टिकट बंटवारे की गणित को फेल भी किया। सोमवार को सपा व बागी होकर लड़ने वाले सभी सदस्यों को प्रदेश मुख्यालय बुलाए जाने पर कयासों के दौर शुरू हो गए हैं। प्रदेश भर में भाजपा के करीब दो दर्जन अध्यक्ष तय हो जाने के बाद अब सभी का यही अनुमान है कि गाजीपुर के अध्यक्ष पद के चुनाव में सपा मुखिया सीधे रूचि ले रहे हैं। क्योंकि गाजीपुर की सीट दशकों से सपा के पास थी, ऐसे में अब सपा द्वारा इस सीट को गंवाना काफी भारी पड़ सकता है, क्योंकि गाजीपुर जिले को पूर्वांचल में सपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस गढ़ में भाजपा द्वारा सेंध लगने की घटना सपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है। शायद यही वजह है कि सपा मुखिया इस चुनाव में सीधे रूचि ले रहे हैं, जबकि सपा नेतृत्व द्वारा जिले में प्रत्याशी बेहद कमजोर दिया गया है। वहीं सदस्यों से मुलाकात के बाद अब लोगों ने ये भी चर्चा हो रही है कि सपा नेतृत्व पूर्वांचल में अपनी खिसकती जमीन को बचाने की हर संभव कोशिश में जुट गया है और ये मुलाकात भी कहीं न कहीं उसी रणनीति का एक हिस्सा है। गौरतलब है कि गाजीपुर में एमएलसी चंचल सिंह व डॉ. मुकेश सिंह के परिवार की भाजपा समर्थित सपना सिंह चुनावी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ सपा से कुसुमलता यादव मैदान में हैं। तीसरे प्रत्याशी के तौर पर संभवतः डमी प्रत्याशी रेखा भट्ट ने अपनी दावेदारी की है, जिसमें उनके द्वारा नामांकन वापस लिए जाने की भी बात सामने आ रही है। बहरहाल, देखना है कि सपा का राष्ट्रीय नेतृत्व इस चुनाव में क्या कमाल दिखा पाता है, क्योंकि पक्ष व विपक्ष दोनों के चुनावी पंडित इस चुनाव में सपना सिंह की जीत की बात मानकर चल रहे हैं। सनद रहे कि सपना सिंह ने सदस्य पद के लिए निर्दल ही दम भरा था और सपा प्रत्याशी पर नजदीकी जीत हासिल की थी।



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