मदरसों के जरिए जन-जन को टीकाकरण को जागरूक करेगी सरकार, मौलानाओं को दिया गया प्रशिक्षण
गोरखपुर। अब जिले के मदरसों के जरिये जन-जन तक टीकाकरण का संदेश पहुंचाया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग, जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और यूनिसेफ संस्था के सहयोग से मदरसों के मौलानाओं व शिक्षकों को वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। जिसमें उन्हें कोविड अनुरूप व्यवहार, टीकाकरण के महत्व और टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस दौरान सोशल मीडिया पर चल रही और सुनी-सुनाई भ्रांतियों पर लोगों द्वारा ध्यान न देने के बाबत जानकारी दी गई। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय और जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल ने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय सहयोग की अपील की। सभी ने एक स्वर से कहा कि कोविड का टीका सुरक्षित है और लोगों को इसका लाभ लेने के लिए आगे आना होगा। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि मदरसा शिक्षक अभिभावकों और बच्चों के जरिये लोगों को टीकाकरण का महत्व बताएंगे। यूनिसेफ की डिस्ट्रिक्ट मोबिलाइजेशन ऑफिसर (डीएमसी) नीलम यादव और गुलजार त्यागी के विशेष सहयोग से अलग-अलग वर्गों को टीकाकरण के संबंध में संवेदीकृत किया जा रहा है। इस क्रम में कोटेदार, पार्षदों और सहज जन सेवा केंद्रों का अभिमुखीकरण पहले ही किया जा चुका है। कार्यक्रम में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के स्तर से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग को विश्वास है कि ऐसे कार्यक्रमों के जरिये 45 से अधिक आयु वर्ग के लोग टीकाकरण के लिए आगे आएंगे। जिन लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है, वह भी दूसरी डोज अवश्य लगवाएंगे। श्री बरनवाल ने बताया कि टीका लगवाने के बाद भी मॉस्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता समेत कोविड से जुड़ी प्रत्येक सतर्कता का पालन करना है। गर्भवती, तेज बुखार और गंभीर बीमारियों (हृदय रोग, कैंसर आदि) से ग्रसित लोगों को छोड़ कर सभी को टीका लगवाना है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग अपने चिकित्सक के परामर्श पर टीका लगवा सकते हैं। कोविन पोर्टल पर पहले से पंजीकरण करवा कर ही टीका लगवाना है। जिन लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वह नजदीकी सहज जन सेवा केंद्र से निःशुल्क स्लॉट बुक करवा कर टीका लगवा सकते हैं।