कोरोना की तीसरी लहर से आखिर कैसे लड़ेगी योगी सरकार, इन स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं है बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती


खानपुर। कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं की कमी के चलते लोगों को हो रही है। ऐसे में स्थानीय बाजार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत नायकडीह, अनौनी, गोरखा आदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। सरकार समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन का स्पष्ट बयान है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर का सबसे बड़ा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। इसके बावजूद इन चारों स्वास्थ्य केंद्रों पर बाल रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति नहीं है। ऐसे में लोगों का सबसे बड़ा सवाल यही है कि तमाम दावे करने वाली योगी सरकार इन अव्यवस्थाओं के साथ आखिर किस तरह से कोरोना की तीसरी लहर से पार पाएगी। क्योंकि इन केंद्रों में बाल रोग विशेषज्ञों की अनुपलब्धता में बच्चों का उपचार पहले से ही सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, वहीं कोरोना की तीसरी लहर में ये समस्या और कितने गहरे नतीजे देकर जाएगी, ये समय के साथ पता चलेगा। गौरतलब है कि खानपुर क्षेत्र के 6 दर्जन गांवों के लोगों के लिए 4 स्वास्थ्य केंद्र हैं लेकिन किसी पर भी बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। लॉकडाउन के बाद अब सभी चिकित्सालयों पर ओपीडी खोला जा रहा है लेकिन बुनियादी सुविधाएं देने की तरहफ शासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है। जिसके चलते क्षेत्रीय लोगों में कोरोना संक्रमण से बच्चों को होने वाले नुकसान व उससे बचाव के प्रति सबसे ज्यादा चिंता है। वहां चिकित्सक न होने से परिजनों को अपने बच्चों के उपचार के लिए यहां से 15 से 25 किमी दूर सैदपुर तक जाकर उपचार कराने पर निर्भर होना पड़ता है। ऐसे में लोगों का सरकार से भी सवाल है कि आखिर ये लापरवाही कब तक चलेगी और इसका अंजाम हमें क्या चुकाकर भुगतना होगा।