वेतन समझौता लागू करने व एलआईसी के आईपीओ को वापस लेने की मांग के साथ हड़ताल पर रहे एलआईसी कर्मी





गाजीपुर। वेतन समझौता लागू करने व एलआइसी के आईपीओ को वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर एलआईसी कर्मी गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। इस हड़ताल में एलआइसी क्लास वन फेडरेशन, विकास अधिकारी संगठन एवं आल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज यूनियन के सदस्य शामिल हुए। एआईआईईए के मण्डलीय उपाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पांच करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी से शुरू करके एलआइसी, सरकार को 28 हजार करोड़ रुपये लाभांश दे चुकी है। बावजूद इसके सरकार, एलआइसी आइपीओ लाने और बीमा में एफडीआइ की सीमा को 74 फीसद तक बढ़ाने जा रही है। सरकार के इस फैसले से एलआइसी के 42 करोड़ पॉलिसी धारकों का हित प्रभावित होगा। एफडीआइ बढ़ने से देश की छोटी-छोटी बचत की प्रवृति प्रभावित होगी। ऐसे में सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। भारत सरकार एफडीआइ में वृद्धि एवं आइपीओ में लाकर छायादार वृक्ष को काटना चाहती है जो बीमाकर्मियों को कतई स्वीकार नहीं है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार सुविधाएं देने के बजाय निजीकरण पर जोर दे रही है। विदेशी निवेश का सबसे बड़ा नुकसान यही होगा कि हमारे देश का पैसा विदेशों में चला जाएगा। उपभोक्ताओं के हितों को भी नुकसान होगा। इसलिए विदेशी निवेश नहीं होना चाहिए। अगस्त 2017 से अधिकारियों और कर्मचारियों को बार-बार आश्वासन मिल रहे हैं कि वेतन और पदोन्नति होगी। लेकिन वेतन वृद्धि का मामला आज तक हल नहीं हो सका। वेतन वृद्धि न होने से अधिकारी-कर्मचारी आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी वर्ग हड़ताल में शामिल होकर उक्त निर्णयों का विरोध किया। इस मौके पर गोपाल सिंह, अतुल कुमार साहू, आनन्द कुमार, कमलेश, वीरेंद्र कुमार, अभिषेक कुमार सिंह, पवन कुमार रस्तोगी, विजय कुमार प्रसाद, तुषार पाल आदि रहे। अध्यक्षता धर्मेन्द्र कुमार और संचालन संतोष कुमार सिंह ने किया।



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