आशाओं के चलते जन-जन तक पहुंचती हैं विभाग की योजनाएं, एक साथ संभालती हैं कई जिम्मेदारी
गाजीपुर। स्वास्थ्य विभाग में जन समुदाय के लिए अनेकों कार्यक्रम व योजनायें चलाई जा रही हैं जिससे आमजन को लाभ पहुंच सके। इन गतिविधियों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं आशा कार्यकर्ता और आशा संगिनी। मौजूदा समय में चल रही योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में जुटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर के अंतर्गत आने वाले नवली उपकेंद्र की आशा संगिनी पूनम सिंह से बात की और जानने का प्रयास किया कि वह योजनाओं को अपनी टीम के साथ कैसे आम जन तक कैसे पहुंचा रही हैं। पूनम ने बताया कि मौजूदा समय में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत दस्तक अभियान चल रहा है। जिसमें मुख्य रुप से क्षय रोग के मरीजों के चिह्नीकरण के साथ ही आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाए जाने को लेकर विभाग द्वारा जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके टीम की आशा कार्यकर्ता प्रत्येक दिन 10 घरों में जाती है और उन घरों की क्रास चेकिंग कर उनके परिवार में यदि कोई किसी भी बीमारी से पीड़ित है तो उन्हें चिह्नित कर लेती हैं। बताया कि इस विशेष अभियान में आशा कार्यकर्ताओं की 20 सदस्यीय टीम के द्वारा करीब 250 गोल्डन कार्ड बनवाए जा चुके हैं। उन्होंने इस दौरान कई तरह की समस्याओं के भी खुलकर बात की और बताया कि पूर्व में कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा बनाए गए गोल्डन कार्ड के अब तक लाभार्थियों को न मिलने से काफी परेशानी आ रही है। लेकिन अब टीम द्वारा लाभार्थियों को चिह्नित कर सप्ताह में एक दिन उपकेंद्र पर डेटा ऑपरेटर को बुलाया जाता है, और डेटा ऑपरेटर आशुतोष सिंह द्वारा उनके गोल्डन कार्डों को जनरेट भी कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नवली गांव में गृह भ्रमण के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे कभी कभी निराशा होती है लेकिन हम सभी समस्याओं से उबर कर कार्य करने के लिए तत्पर रहती हैं। बताया कि दस्तक अभियान के तहत अब तक 10 क्षय रोग के मरीजों को चिह्नित किया गया है। इसके लिए पहले उनका सर्वे किया गया जिसमें दो सप्ताह से ज्यादा बुखार, खांसी, भूख ना लगना और वजन लगातार कम होने की शिकायत पर उनके बलगम की जांच कराई गई और जांच उपरांत उन मरीजों को चिह्नित किया गया।