जिस दिन पुरूषों की तरह बिना किसी डर के बाहर निकलेंगी महिलाएं, तभी विकसित कहलाएगा समाज - एसडीएम
सैदपुर। नगर स्थित तहसील सभागार में शनिवार को महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र की महिलाओं समेत महिला लेखपालों आदि को समाज में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उपजिलाधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि महिलाओं की स्थिति अब समाज में काफी सुधर रही है। महिला सशक्तिकरण के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं लेकिन ये स्थिति काफी नहीं है। हमें महिलाओं को एक ऐसा समाज देना है जिसमें उन्हें वैचारिक के साथ सामाजिक स्वतंत्रता हो। महिलाएं खुद को आंशिक रूप से नहीं बल्कि कुछ इस तरह से सुरक्षित महसूस करें जैसे पुरूष करता है। कहा कि सुरक्षा का अर्थ ये है कि जैसे घर से बाहर जाने पर पुरूष के मन में कभी असुरक्षा की भावना भी नहीं आती, वही भावना महिलाओं के अंदर आनी चाहिए। तभी माना जाएगा कि समाज विकसित हो रहा है। तहसीलदार दिनेश कुमार ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने का मौका हमें नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि महिलाओं की इस दशा के लिए पुरूषों के साथ ही कहीं न कहीं वो विकृत सोच वाली वो महिलाएं भी जिम्मेदार हैं जो बेटियों को तरजीह देकर बहुओं संग भेदभाव करती हैं। उन्होंने महिला लेखपालों से अपील किया कि वो सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक योजनाओं का लाभ महिलाओं को दिलाएं। कहा कि आधी आबादी कही जाने वाली महिला वर्ग को किसी से पीछे रहने की जरूरत नहीं है। इस मौके पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी डॉ. संतोष मिश्र, पूर्व चेयरमैन शीला सोनकर, पूनम मौर्य, प्रीति पांडेय, श्रीवर पांडेय आदि रहे। संचालन लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह ने किया।