टीवी पर ऐड देखने के नाम पर हजारों लोगों के करोड़ों रूपए ऐंठने वाली कंपनी का नया दांव, फरार होने वाली कंपनियों की तर्ज पर वेबसाइट पर जारी किया चेतावनी भरा संदेश
वाराणसी/गुजरात। पूरे पूर्वांचल समेत देश भर में चिट फंड कंपनी द्वारा नए तरीके से ठगी करके देश भर के हजारों भोले भाले लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाली कपंनी ने पोल खुलने के बाद अब अपनी वेबसाइट पर ग्राहकों के नाम एक संदेश या यूं कहें कि एक चेतावनी भरा पत्र जारी किया है।
सोमवार को कई पीड़ितों की शिकायत के बाद वाराणसी पुलिस ने गुजरात के अहमदाबाद से संचालित डोरोटाइजर्स मीडिया प्रा. लि. के वाराणसी स्थित मास्टर फ्रेंचाइजी संचालक सैदपुर के औड़िहार निवासी राजेश सिंह को गिरफ्तार किया था। उक्त कंपनी द्वारा कैची पिक्सल का नाम देकर लोगों को 50 से 83 हजार रूपए लेकर स्मार्ट टीवी दिया जाता था, जिसमें विज्ञापन देखने के एवज में प्रतिमाह 5000 से 11500 रूपए दिए जाते थे। बीते कुछ माह से रूपए न मिलने पर लोगों को ठगे जाने का अंदेशा हुआ था तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की थी। जिसके बाद वाराणसी के आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का अनुमान था कि इस मामले में 90 करोड़ रूपए से अधिक की ठगी की गई है। गिरफ्तारी के बाद कंपनी के निदेशक अशोक शर्मा द्वारा वेबसाइट पर उपभोक्ताओं के नाम खुला पत्र या एक तरह से चेतावनी भरा पत्र जारी किया गया है। जिसमें ये कहा जा रहा है कि 15 से 30 सितंबर के बीच कंपनी अपनी सर्विस को फिर से शुरू कराने का प्रयास कर रही है। इसके लिए कंपनी की नई टीम का मोबाइल नंबर इस माह के अंत तक वेबसाइट पर दे दिया जाएगा। पत्र के अनुसार कहा जा रहा है कि कंपनी से लोगों का जो एग्रीमेंट हुआ है उसमें ग्राहकों को दी जाने वाली राशि को कुछ समय तक रोका गया है। जिसकी जानकारी विधिक नोटिस के जरिए अधिवक्ता द्वारा दे दी गई है। इसके बाद से चेतावनी भरा पत्र शुरू होता है। जिसके अनुसार निदेशक का कहना है कि ग्राहक का सारा लेन देन कंपनी से हुआ है। ऐसे में उसके किसी भी कर्मचारी या फ्रेंचाइजी संचालक को कुछ भी न कहा जाए। उस पर किसी भी तरह की टिप्पणी न की जाए और न ही उसे कोई क्षति पहुंचाई जाए। अगर कोई क्षति पहुंचाता है या कुछ कहता है और किसी भी तरह की घटना घटती है तो इसके लिए उक्त व्यक्ति जिम्मेदार होगा। इसके साथ ही कंपनी द्वारा ये भी कहा गया है कि कंपनी अपने स्तर से इस बात की जांच करा रही है कि किस-किसने कर्मचारियों आदि से अभद्र व्यवहार किया है। दोषी पाए जाने पर उसका एग्रीमेंट रद कर दिया जाएगा। उक्त पत्र के बाद अब लोगों में ये डर बैठ गया है कि वो कंपनी के उन लोगों को कुछ नहीं कह सकते जिनके माध्यम से उन्होंने कंपनी में रूपए लगाए थे। इसके अलावा कंपनी मालिक से उनकी मुलाकात नहीं हो सकती। उनकी समस्या ये है कि वो अपनी बात कहें तो कहें किससे। इसके अलावा कंपनी द्वारा इस तरह का खुला पत्र कई तरह के सवाल उठाता है। क्योंकि इसके पूर्व में भी कई चिट फंड कंपनियां भागने या बंद होने के पूर्व कुछ माह का समय मांगते हुए इसी तरह का खुला पत्र जारी कर चुकी हैं, ताकि समय बीतने के साथ ही ग्राहकों का गुस्सा ठंडा हो जाए और कार्रवाई में भी देरी होने के वजह से ग्राहकों की संख्या कम हो जाए। गौरतलब है कि इसके पूर्व क्षेत्र में काफी लंबे समय तक चर्चित हो चुकी श्रीराम सर्वे कंपनी, स्पीकेसिया ऑनलाइन, ऑनलाइन स्टार आदि कंपनियां बंद होने के पूर्व ऐसे ही पत्र जारी कर फरार हो चुकी हैं। उक्त कंपनियों ने भी सर्वे कराने के नाम पर लोगों को पहले रूपए देने का लालच दिया और फिर करोड़ों रूपए लेकर फरार हो गईं थीं। हालांकि मीरजापुर की श्रीराम सर्वे कंपनी के मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने इसकी संचालिका चंद्रप्रभा समेत उसके बेटे व बहू को जिगना पुलिस ने बीते 16 दिसंबर 2017 को ही बिसहड़ा गांव स्थित स्कूल से गिरफ्तार कर लिया था। बहरहाल, इस नई कंपनी के पत्र के जारी होने के बाद उक्त कंपनी दोबारा शुरू होगी या नहीं, इसका जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। क्योंकि इसमें लाखों रूपए तक जमा करने वाले लोगों में रूपए वापस पाने की जद्दोजहद जारी है।