‘दो गज की दूरी.....जान बचाने के लिए बहुत जरूरी’, वैक्सीन बनने तक शारीरिक दूरी से ही बच सकती है प्रियजनों की जान - प्रगति कुमार
ग़ाज़ीपुर। कोरोना वायरस यानि कोविड-19 को सही मायने में मात देना है तो हम सभी को “दो गज की दूरी” के अनुशासन को अपने जीवन में उतारना होगा। बहुत लम्बे समय तक देश को लाक डाउन के हवाले नहीं किया जा सकता। सरकार द्वारा जरूरी सेवाओं और दफ्तरों में कामकाज शुरू करने के साथ ही दो गज की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। इस जिम्मेदारी को तब तक निभाने की बड़ी जरूरत है जब तक कि इस वायरस को पूरी तरह से मात देने वाली वैक्सीन या मुकम्मल इलाज की व्यवस्था नहीं हो जाती। शनिवार को बात करते हुए एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि इस समय देश एक ऐसे वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है जो कि अदृश्य व अंजाना है। ऐसे में उससे सुरक्षित रहना है तो जरूरी सावधानी तो बरतनी ही होगी। इस बारे में लोगों को बराबर जागरूक भी किया जा रहा है कि कोरोना के संक्रमण से बचना है तो सार्वजानिक स्थलों पर एक दूसरे से कम से कम दो गज यानि छह फुट की दूरी बनाकर रखें। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से आप भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि किसी भी स्थल पर भीड़भाड़ से बचना होगा। खरीदारी के वक्त भी इसका पालन करना होगा। किसी भी दुकान पर एक समय पर पांच लोगो से ज्यादा की भीड़ से बचना होगा। कहा कि इस बीच पूरे देश से आ रही शराब की दुकानों पर उमड़ने वाली भीड़ और किसी भी तरह के सुरक्षा मानकों का पालन न करने की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। हर कदम पर टोकाटाकी के बाद ही सुरक्षा मानकों के पालन करने की आदत को छोड़कर अब खुद से इसको अपने जीवन में ढालना होगा, क्योंकि इसी में आपकी, आपके परिवार और समुदाय की भलाई है। कहा कि कार्यालयों में भी एक उचित दूरी पर ही बैठकर कार्य करना होगा। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना भी बहुत जरूरी होगा। वायरस घर-दुकान या कार्यालय की सतह और सामानों पर भी हो सकते हैं, इसलिए साफ़-सफाई पर भी ज्यादा ध्यान देना जरूरी है। ऐसे स्थलों और दफ्तरों की सफाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर या कीटाणुनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन स्थलों के बार-बार इस्तेमाल होने के चलते काउंटर, दरवाजों, कुण्डियों आदि के जरिये संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, इसलिए उनकी भी विधिवत सफाई का ख्याल रखें।