शादियाबाद : गांव के प्रधान का ऐसा रसूख कि अपहरण व दुष्कर्म के आरोप पर भी पुलिस नहीं दर्ज कर रही थी मुकदमा, प्रधान की तेजाब फेंकने की धमकी के बाद किशोरी की मौत
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शादियाबाद। थानाक्षेत्र के एक गांव निवासिनी 17 वर्षीय नाबालिग की हृदयगति रूकने से मौत हो गई। जिसके बाद गांव के प्रधान पर गंभीर आरोप लगा है। गांव निवासिनी मृतका के पिता ने गांव के प्रधान ज्ञानेंद्र गुप्ता बबलू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान ने बीते साल 14 जुलाई को मेरी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म का भी आरोप लगाया। बताया कि उसकी बेटी बार-बार प्रधान द्वारा दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा रही थी कि लेकिन शादियाबाद पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और प्रधान पर कोई कार्यवाही नहीं की। आखिरकार 26 जुलाई को एसपी के निर्देश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन प्रधान की पहुंच थाने में इस कदर थी कि पीड़िता द्वारा बयान देने के बावजूद पुलिस ने सिर्फ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया और उसमें भी मुख्य आरोपी प्रधान का नाम मुकदमे से हटाकर सिर्फ मंटू राम को अपहरण करने के आरोप में जेल भेज कर मामले को खत्म करने का प्रयास किया। जिसके बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लगायत डीजीपी, एडीजी जोन तक शिकायत किया। इसके बाद सीएमओ व एडीजी जोन कार्यालय से फीडबैक लिया गया तो भी पीड़िता ने बताया कि वो जांच से संतुष्ट नहीं है। पिता ने आरोप लगाया कि बीते 30 जनवरी को प्रधान हमारे घर आया और उसने मेरी नाबालिग बेटी को अपना बयान बदलने का दबाव दिया। कहा कि बयान न बदलने पर प्रधान ने बेटी के चेहरे पर तेजाब फेंकने और भाई और पिता को जान से मारने की धमकी दी थी। कहा कि तेजाब से मुंह जल जाने के बाद तुम्हारी शादी भी नहीं होगी। प्रधान की इस धमकी से उसकी बेटी इस कदर डरकर डिप्रेशन में आ गई कि उसी दिन से बेटी ने खाना पीना छोड़ दिया था। इसके बाद 3 फरवरी को उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई और जब परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे तब उसकी रास्ते में मौत हो गई। इसके बावजूद मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहा है। यहां तक कि जब नाबालिग की मौत हो गई, इसके बाद भी जब पीड़ित पिता ने थाने में तहरीर दी तो पुलिस ने उसमें ग्राम प्रधान का नाम देखकर तहरीर लेने से ही इंकार कर दिया। जिसके बाद इस मामले में विधायक बेदी राम बीच में आए और उन्होंने एसओ को फोन किया लेकिन फोन न उठा तो डीजीपी व प्रदेश के प्रमुख सचिव को फोन किया। तब जाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इस बाबत विधायक ने कहा कि मामला बेहद दुःखद व गंभीर है। ऐसे में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाकर ही चैन की सांस लूंगा।