सैदपुर : कैसे पूरा होगा पीएम मोदी का टीबीमुक्त भारत का सपना, जब सैदपुर में एमडीआर मरीज को भी दवा नहीं दे रहे एसटीएस, कार्यालय पर मिला ताला





सैदपुर। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा सपना है कि वर्तमान वर्ष 2025 तक टीबी रोग का पूरे भारत से समूल खात्मा कर दें और उनकी इस मंशा के लिए जहां केंद्र सहित उत्तर प्रदेश की सम्बंधित सरकारी मशीनरी इसमें जुट गई है और इसी के लिए 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया गया है तो दूसरी तरफ सरकार के इस टीबी मुक्त भारत की मंशा को फेल करने में सैदपुर सीएचसी पर तैनात किया गया एक कर्मचारी पूरी तरह से जुटा हुआ है। सैदपुर में टीबी रोग के लिए एसटीएस के पद पर अनिल कुमार को तैनात किया गया है। जिस पर पूरे सैदपुर सीएचसी क्षेत्र के टीबी रोग से सम्बंधित हर जिम्मेदारी है। एसटीएस को ही टीबी रोगियों के आंकड़े रखने हैं, क्षेत्र में कितने एमडीआर मरीज हैं, कितने नॉर्मल मरीज हैं, जांचें हो रही हैं या नहीं, नॉर्मल व एमडीआर मरीजों को दवा वितरण, मरीजों के खाते में रुपये आये या नहीं, इन सभी का ब्यौरा एसटीएस का ही जिम्मा होता है। लेकिन सैदपुर सीएचसी पर तैनात एसटीएस अनिल कुमार खुद को हर किसी से ऊपर समझ रहे हैं। आलम ये है कि एमडीआर के मरीज को भी बिना दवा दिए लौटा देते हैं। बुधवार की दोपहर 1 बजे सीएचसी पर पहुंची टीबी की एमडीआर मरीज को जब आज भी एसटीएस के कार्यालय पर ताला मिला तो आखिरकार उसके सब्र का बांध टूट गया। वो भड़क गई और आक्रोशित होकर शिकायत करने नीचे पहुंची। इस बीच वहां मौजूद डॉ अभय गुप्ता ने उससे उसकी समस्या पूछी तो उसने बताया कि वो एमडीआर मरीज है, इसके बावजूद एसटीएस अनिल कुमार दवा सहित हर काम के लिए उसे बार-बार दौड़ा रहे हैं। कहा कि यहां तक कि शासन की तरफ से आने वाला रुपया भी उनकी लापरवाही से रुक जाता है। आरोप लगाया कि जब भी आती हूँ तो आम तौर पर तो उनके कार्यालय में ताला बंद मिलता है और अगर खुला रहता है तो पूछने पर उनका एक ही जवाब होता है, बाद में आना। आज भी आने पर ताला बंद मिला और फोन करने पर सही से जवाब नहीं देते। जिसके बाद डॉ अभय गुप्ता ने फोन करके एसटीएस से पूछा तो उसने बताया कि जिला मुख्यालय पर मीटिंग में है। इसके बाद दवा वितरण कक्ष से मरीज को दवा दिलाई गई। इस बाबत जब अधीक्षक डॉ संजीव सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एसटीएस की लापरवाही वास्तव में गम्भीर है। उसकी कई बार जिला मुख्यालय पर शिकायत की गई है। उसे नोटिस देकर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है लेकिन उसकी कार्यप्रणाली व लापरवाही में सुधार नहीं है। कहा कि एक बार फिर से जिला मुख्यालय पर उसकी शिकायत की जाएगी। इस बाबत जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनील पांडेय को फोन करने पर उनका फोन नहीं उठा। बता दें कि अगर इसी तरह से एमडीआर के मरीजों को दवा न दिए जाने जैसी लापरवाही होगी तो प्रधानमंत्री का टीबी मुक्त भारत एक सपना बनकर ही रह जायेगा।



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