सैदपुर : रोडवेज के 2 बस चालकों व परिचालकों की ऐसी संवेदनहीनता, भितरी मोड़ पर दिव्यांग वृद्ध को देख दोनों बस को ले भागे
सैदपुर। ग़ाज़ीपुर से वाराणसी रूट पर रोडवेज बस चालकों व परिचालक़ों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता व गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। वाराणसी या ग़ाज़ीपुर से आने वाली रोडवेज बसों में अधिकांश बसें जहां सैदपुर बाजार के अंदर न आकर बाजार से करीब 3 किमी दूर ग़ाज़ीपुर की तरफ नसीरपुर के पास और वाराणसी की तरफ करीब ढाई किमी दूर जौहरगंज में सवारियों को उतारकर सीधे हाईवे से ही निकल जाती हैं। लेकिन अब तो बस चालकों व परिचालकों ने हद पार कर दी है। बुधवार की दोपहर 1 बजे भितरी मोड़ स्थित रोडवेज स्टैंड पर दिव्यांग को बस में न बिठाने का एक ऐसा ही संवेदनहीनता का मामला सामने आया, जिसे देखकर वहां मौजूद हर कोई उन्हें कोसने लगा। हुआ ये कि दोपहर करीब 1 बजे वृद्ध दम्पति भितरी मोड़ स्थित रोडवेज स्टैंड पर पहुंचे थे। उनमें पुरुष वृद्ध आंखों के साथ ही कान से दिव्यांग थे और चलने में भी दिक्कत थी। खानपुर के बेलहरी निवासी सियाराम राजभर आंखों से शत प्रतिशत दिव्यांग हैं और कान से करीब 40 फीसदी दिव्यांग हैं। दिव्यांग भी सिर्फ मौखिक नहीं बल्कि उन्हें दिव्यांगता का सरकारी प्रमाणपत्र भी मिला हुआ है, जिसे दिखाकर वो किसी भी सरकारी परिवहन में निःशुल्क यात्रा कर सकते हैं। बुधवार को जिला मुख्यालय के विकास भवन पर दिव्यांगजनों के लिए उपकरण का पंजीकरण या वितरण होना था। ऐसे में आर्थिक रूप से गरीब सियाराम कान की मशीन व अंधों के लिए छड़ी लेने के लिए बेलहरी से लोगों से लिफ्ट मांगते हुए वो अपनी वृद्ध पत्नी संतरा देवी के साथ रोडवेज स्टैंड तक पहुंचे थे कि वो रोडवेज बस से ग़ाज़ीपुर चले जायेंगे। इस बीच करीब 1 बजे एक रोडवेज बस आकर रुकी। लेकिन जैसे ही परिचालक ने देखा कि वो दिव्यांग है और किराया नहीं देगा तो उसने बस को आगे रवाना कर दिया। काफी देर बाद फिर से एक रोडवेज बस आयी और रुकी लेकिन उसके परिचालक ने भी बिल्कुल इसी संवेदनहीनता का परिचय दिया और जैसे ही देखा कि वृद्ध दिव्यांग है तो बस को लेकर आगे चला गया। ये देखकर वहां मौजूद भितरी मोड़ स्थित जावेद हबीब व एमके ट्रेडर्स के संचालक मनोज यादव ने अपने पास से दिव्यांग को किराए के रुपये देकर उसे निजी बस से आगे भेजा।