हर एक लाख की आबादी पर 2 हजार लोगों की करें टीबी रोग की जांच, हाई रिस्क जनसंख्या की जांच पर दें जोर - सीडीओ





गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में शुक्रवार की शाम सम्पन्न हुई। इस मौके राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई और निर्देश दिया गया कि जिले में प्रति एक लाख की आबादी पर कम से कम 2000 संभावित मरीजों की टीबी जांच अवश्य कराएं। यह लक्ष्य पूरा करने के लिए हाई रिस्क जनसंख्या जैसे बुजुर्गों, मधुमेह मरीजों, एचआईवी मरीजों, पूर्व के टीबी मरीजों और अति कुपोषित लोगों की टीबी जांच अवश्य कराई जाए। साथ ही ओपीडी में आने वाले मरीजों में से टीबी के दस फीसदी संभावित मरीजों की जांच अवश्य हो। बैठक के दौरान, एड्स दिवस पर पोस्टर बना कर जनजागरूकता का संदेश देने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने बिना सूचना बैठक से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई और उनसे स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन पूरी गंभीरता से किया जाना चाहिए। ब्लॉक स्तर पर भी नियमित कार्यक्रमों की समीक्षा की जाए। जिन कार्यक्रमों के सूचकांकों में कोई सुधार नहीं दिख रहा है, वहां जवाबदेही तय कर संदेशात्मक कार्रवाई हो। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, जिला क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की विस्तार से समीक्षा की। साथ ही जिले में शासन की मंशा के अनुरूप टीबी जांच दर को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य का आशय इसके मृत्यु दर को न्यूतनम करना है और रोग की दर को भी 80 फीसदी से नीचे रखना है। यह तभी संभव है जबकि ज्यादा से ज्यादा नये मरीज खोजे जाएं और उनका समय से इलाज हो। आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम और सीएचओ के सम्मिलित प्रयासों से नये टीबी मरीज खोजे जा सकते हैं। जिन लोगों को भी दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही हो, उनकी टीबी जांच जरूर कराई जाए। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बलगम के जरिये जांच की सुविधा उपलब्ध है। इस बारे में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का निरंतर संवेदीकरण किया जाए। मोबाइल मेडिकल वैन के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में टीबी की जांच कराई जाए। इस दौरान एचआईवी एड्स के प्रति जनजागरूकता में योगदान देने के लिए डीएवी डिग्री कॉलेज की छात्रा नीतू सिंह, दृष्टि गुप्ता और आदित्य श्रीवास्तव को सीडीओ ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कॉलेज के प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बच्चों के योगदान के बारे में जानकारी दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दूबे ने एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्रा फलक खान, शीतल भारती, पल्लवी और पूजा शाही को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जहां शिक्षिका बिंदु पांडेय, डिप्टी डीटीओ डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग और डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह रहे। इस मौके पर जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीके सुमन, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, डीएमओ अंगद सिंह, डिप्टी डीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, क्वालिटी एश्योरेंस प्रभारी विजय श्रीवास्तव, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना आदि रहे।



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