देवकली : बहू को बेटी की तरह व सास-ससुर को माता-पिता की तरह सम्मान देने वाला परिवार होता है स्वर्ग - रामचंद्राचार्य
देवकली। स्थानीय गांव निवासी रहे स्व. अरविन्द लाल श्रीवास्तव की प्रथम पुण्यतिथि के मौके पर कस्बे में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रवचन करते हुए बिहार के बक्सर से आए कथावाचक रामचन्द्राचार्य महाराज ने कहा कि जिस दिन परिवार में सास अपनी बहू को अपनी सगी बेटी के रुप मे स्वीकार करके सम्मान देगी और बहू अपने सास व ससुर को अपने सगे माता पिता की तरह सम्मान देगी, उसी क्षण से वो परिवार स्वर्ग हो जायेगा। कहा कि माता पिता की सेवा करना परमात्मा की सेवा करने के समान है। कहा कि जिस घर में बहू का आदर नहीं होता, तो उस घर की बेटी जब दूसरे घर जाती है तो वहां उसे प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है, परमात्मा किसी न किसी रुप में भक्तों की रक्षा करने लिए इस धराधाम पर अवतार लेते हैं। कहा कि आज का मानव पश्चिमी सभ्यता की ओर भाग रहा है तो दूसरी तरफ पूरा विश्व भारतीय संस्कृति की ओर झुक रहा है। संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया।