गाजीपुर : साहित्य के अपनी साधना समझते थे साहित्यकार डॉ. जितेन्द्र नाथ पाठक, पीजी कॉलेज के पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य को दी गई श्रद्धांजलि





गाजीपुर। जिले के नामचीन साहित्यकार व स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक डॉ. जितेन्द्र नाथ पाठक के निधन की सूचना मिलते ही पीजी कॉलेज में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका वाराणसी में रविवार को निधन हो गया। वो पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। साहित्यकार एवं पूर्व प्राध्यापक डॉक्टर जितेन्द्र नाथ पाठक के निधन पर पीजी कॉलेज में शोकसभा आयोजित की गई। जिसमें दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने डॉ पाठक के साहित्यिक सफर पर प्रकाश डाला। बताया कि डॉ पाठक साहित्य को अपनी साधना समझते थे और उनके लेख यथार्थ ज्ञान एवं प्रेरणा प्रदान करती हैं। वह पीजी कालेज के विद्वान एवं आदर्श प्राध्यापक रहे। बताया कि उन्हें कई साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित किया गया था। कहा कि उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। बता दें कि डॉ. पाठक पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग में वर्ष 1957 से 1997 तक कार्यरत रहे और इस दौरान वो 3 माह तक के लिए कार्यवाहक प्राचार्य भी रहे थे।



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